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गिड़गिड़ा रही मालकिन
सिलीगुड़ी : वर्षों से दुकान पर जबरन कब्जा किये किरायेदार के विरुद्ध एक दुकान मालकिन ने एलान किया है कि वह सिलीगुड़ी के कंचनजंघा स्टेडियम के सामने विधान रोड में अपनी दुकान के समक्ष पूरे परिवार के साथ धरना देंगी. यह धरना-प्रदर्शन मंगलवार या बुधवार से किया जायेगा. दुकान मालकिन बबिता सिंह ने सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट […]
सिलीगुड़ी : वर्षों से दुकान पर जबरन कब्जा किये किरायेदार के विरुद्ध एक दुकान मालकिन ने एलान किया है कि वह सिलीगुड़ी के कंचनजंघा स्टेडियम के सामने विधान रोड में अपनी दुकान के समक्ष पूरे परिवार के साथ धरना देंगी. यह धरना-प्रदर्शन मंगलवार या बुधवार से किया जायेगा. दुकान मालकिन बबिता सिंह ने सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया को बताया कि साल 2008 में उनके पति अशोक सिंह कैंसर की वजह से बीमार रहने लगे, इसलिए स्थानीय हाकिमपाड़ा निवासी उत्तम बोस को उन्होंने दुकान किराये पर दे दी. इसके लिए 1 मई, 2008 को उत्तम के साथ दो साल का पहला करार हुआ.
बबिता सिंह ने बताया कि 2013 में उनके पति की कैंसर की वजह से मौत हो गयी. उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं. पति की मौत के बाद उन्होंने चारों बच्चों को बड़ी मुश्किल से पाला-पोसा. बड़ा लड़का रोबिन सिलीगुड़ी कॉलेज में विज्ञान की पढ़ाई कर रहा है और अब घर-परिवार चलाने व दोनों बहनों का विवाह करने के लिए खुद कारोबार करना चाहता है. इसके लिए उत्तम को तीन साल पहले ही 2014 में दुकान खाली करने को कहा गया था.
लेकिन उसने इसके लिए समय मांगा. इसके बाद अगस्त 2014 में फिर 11 महीने का करार हुआ. एक साल बाद फिर उसने एक साल का समय मांगा और 11 नवंबर 2015 को फिर एक साल का समझौता हुआ, जो अक्टूबर 2016 में समाप्त हो गया. समझौता समाप्त होने के सात महीने हो गये, लेकिन किरायेदार ने दुकान खाली नहीं की. इस बीच 11 नंबर वार्ड की पार्षद मंजूश्री पाल से भी हस्तक्षेप करने की गुजारिश की गयी. उन्होंने इसके लिए कई बार मीटिंग भी बुलायी, लेकिन उत्तम हर बार कोई-न-कोई बहाना बनाकर मीटिंग में उपस्थित ही नहीं हुआ. एक सवाल के जवाब में बबिता ने कहा कि वह इतनी गरीब हैं कि बड़ी मुश्किल से अपना परिवार चला रही हैं. अब तो तकरीबन साल भर से दुकान का किराया भी नहीं मिल रहा. वह पुलिस और कोर्ट-कचहरी के मामलों में नहीं पड़ सकतीं. बबिता ने बताया कि वह इन दिनों पीलिया की बीमारी से पीड़ित हैं और लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने की उनकी शारीरिक और आर्थिक स्थिति नहीं है.
बबिता के बड़े बेटे रोबिन का कहना है कि उत्तम ने कृषि और खाद से जुड़े सामानों की दुकानदारी करने के लिए पापा से दुकान किराये पर ली थी. लेकिन अब वह अवैध रूप से पक्षियों और पालतू जानवरों की धड़ल्ले से बिक्री करने लगा है. उसका कहना है कि अब वह खुद कारोबार करके मां और तीनों भाई-बहनों का भरण-पोषण करेगा. दुकान अपने अधिकार में लेने के लिए हमने उत्तम के साथ काफी बातचीत, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अब दुकान के सामने धरना-प्रदर्शन करने के अलावा हमारे पास और कोई चारा नहीं है. हम लोग पूरे परिवार के साथ मंगलवार या फिर बुधवार से धरना पर बैठेंगे. इस बाबत उत्तम बोस से भी उनका बयान लेने के लिए संपर्क करने की काफी कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
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