सूर्य देवता ने मचाया कहर

तापमान का पारा अचानक उफान पर सिलीगुड़ी में एक रिक्शा चालक की मौत आम लोग हो रहे हैं काफी परेशान चाय बागानों के मजदूर भी तार-तार सिलीगुड़ी : गरमी शुरू होते ही उत्तर बंगाल में अब सूर्य देवता कहर मचाने लगे हैं. गरमी के कहर से शुक्रवार को सिलीगुड़ी में एक रिक्शा चालक की मौत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2017 8:57 AM
तापमान का पारा अचानक उफान पर
सिलीगुड़ी में एक रिक्शा चालक की मौत
आम लोग हो रहे हैं काफी परेशान
चाय बागानों के मजदूर भी तार-तार
सिलीगुड़ी : गरमी शुरू होते ही उत्तर बंगाल में अब सूर्य देवता कहर मचाने लगे हैं. गरमी के कहर से शुक्रवार को सिलीगुड़ी में एक रिक्शा चालक की मौत हो गयी. यह घटना प्रधाननगर थाना क्षेत्र के मारग्रेट सिस्टर निवेदिता रोड की है. दिन के तकरीबन 11.30 बजे यह हादसा हुआ.
हाथोंहाथ प्रधाननगर थाना को सूचित किया गया. मौके पर पहुंचकर पुलिस रिक्शा चालक को सिलीगुड़ी जिला अस्पताल ले गयी. जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम हेतु उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल भेज दिया है. खबर लिखे जाने तक पुलिस को मृत रिक्शा चालक का नाम पता नहीं चल पाया है. परिचित लोगों ने पुलिस को बताया कि लोग इन्हें प्यार से रिक्शा वाले चाचा कहकर पुकारते थे. सिलीगुड़ी में वह काफी दिनों से चंपासारी इलाके में किराये के घर में रह रहा था. मूल रूप से वह उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर क्षेत्र का वासिंदा था.
पुलिस उसकी उम्र 55 वर्ष अनुमान लगा रही है. हादसे को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि चाचा चंपासारी इलाके से दो सवारी को लेकर रिक्शा से गुरूंगबस्ती की ओर जा रहे थे. वह शारीरिक रूप से पहले ही काफी कमजोर थे. काफी गरमी के बावजूद वह जोरजबरदस्ती रिक्शा टान रहे थे. उन्हें काफी तकलीफ भी हो रही थी. रिक्शा जब निवेदिता रोड स्थित मारग्रेट स्कूल के नजदीक पहुंची तभी वह अचानक अचेत होकर सड़क पर गिर गया और मौके पर ही उ दम तोड़ दिया. इस बीच,यहां ज्यों-ज्यों पारा चढ़ रहा है त्यों-त्यों तापमान और तपिस भी बढ़ने लगी है. इन दिनों सुबह से ही धूप चिलचिलाने लगी है.
सुबह पांच बजे से ही धूप खिलने लगी है और छह बजे से ही धूप की तपिस महसूस होने लगती है. दिन के 12 बजे से जब भगवान सूर्य अपना तेवर दिखाने लगते हैं तो लोगों को और परेशानी होती है. तमतमाती धूप में हर कोई उबलने लगता है. यहां तक की टंकी का पानी भी कड़ी धूप की वजह से गरम हो हो रहा है. दोपहर होते-होते सड़कों पर सन्नाटा छाने लगता है. लोग घरों में दूबक उठते हैं. अपराह्न पांच बजे दिन के ढलते-ढलते तपिस भी घटने लगती है. मौसम विभाग की माने तों अगले एक-दो दिनों तक मौसम में कोई परिवर्तन नहीं होने वाला. बल्कि पारा और चढ़ने की संभावना है.
उत्तर बंगाल विश्व विद्यालय के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सिलीगुड़ी समेत पूरा उत्तर बंगाल कल यानी गुरूवार इस ग्रीष्मकालीन मौसम का सबसे अधिक तपिस वाला दिन रहा. गुरूवार को उत्तर बंगाल का औसतन तापमान अधिकतम 33.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22.9 डिग्री सेल्सियस है. वहीं, शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22.5 डिग्री सेल्सियस मापा गया. गरम से बेहाल लोगों का कहना है कि अप्रैल के शेष होते-होते मौसम का ऐसा मिजाज है तो मई-जून-जुलाई में क्या हाल होगा.चाय बागानों के श्रमिक भी इस तेज धूप की वजह से काफी परेशान हैं. उन्हें काम करने में परेशानी हो रही है. कई स्थानों पर पेयजल की किल्लत भी होने लगी है.
लोग कर रहे तरह-तरह का उपाय ः गरम से बचने के लिए लोग अभी से ही तरह-तरह का उपाय करने लगे हैं. धूप में निकलने से पहले लोग छाता, टोपी व चश्मा का व्यवहार करने लगे हैं. यही वजह है कि बाजारों में छाता, टोपी व चश्मा की मांग भी काफी बढ़ गयी है
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आजकल टोपी और चश्मा यूं भी युवाओं के बीच काफी फैशनबल हो गया है. खासकर किशोरी, युवतियां और महिलाएं घर से बाहर निकलते ही अपने चेहरे और पूरे शरीर पर सन क्रीम का इस्तेमाल करने लगी हैं. वहीं सिर से पांव तक पूरे शरीर को ढकना, पूरे चहरे को दुपट्टे में छुपाना और हाथों पर लंबे जुराब चढ़ाना भी गरमी से बचाव के साथ ही युवतियों के बीच फैशन बनता जा रहा है.
शीतल पेय पदार्थों की बिक्री में इजाफा ः गरमी बढ़ते ही बाजारों में शीतल पेय पदार्थों की बिक्री में इजाफा होने लगा है. गरमी से बचने के लिए लोग डाब, गन्ना, बेल, कच्चा आम व अन्य फलों के जूस, शरबत के अलावा आइसक्रीम, कोल ड्रिंक्स आदि का सेवन करने लगे हैं. साथ ही दही की मांग भी काफी बढ़ गयी है. मिठाई दुकानों में सादा व मिष्टी दही की बिक्री बढ़ने लगी है.

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