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मेयर के खिलाफ मोरचाबंदी

सिलीगुड़ी. नवान्न अभियान के बाद, सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य के कोलकाता से लौटते ही, तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ मोरचा खोल दिया है. निगम में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने मासिक बोर्ड बैठक से पहले माकपा बोर्ड व मेयर के समक्ष कुछ प्रश्न रखे हैं. साथ ही, बीते दो वर्षों के आय-व्यय […]

सिलीगुड़ी. नवान्न अभियान के बाद, सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य के कोलकाता से लौटते ही, तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ मोरचा खोल दिया है. निगम में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने मासिक बोर्ड बैठक से पहले माकपा बोर्ड व मेयर के समक्ष कुछ प्रश्न रखे हैं. साथ ही, बीते दो वर्षों के आय-व्यय से संबंधित श्वेतपत्र प्रकाशित करने की मांग की है.

विरोधी दल के नेता रंजन सरकार उर्फ राणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के सभी नगर निगमों से अधिक रुपया मिलने के बाद भी मेयर आर्थिक असहयोगिता का रोना रोते आ रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, शनिवार को सिलीगुड़ी नगर निगम की मासिक बोर्ड बैठक होनी है. हाल ही में वाम मोरचा के नवान्न अभियान में मेयर अशोक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी हुई थी. साथ ही मेयर परिषद सदस्य व पार्षद शंकर घोष लहूलुहान हुए थे. इस घटना के खिलाफ पूरे सिलीगुड़ी महकमा में धिक्कार रैली निकाली गयी. वामो ने इस मुद्दे को बढ़ाना शुरू ही किया कि सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने फिर से एक नया दावं खेला है.

शुक्रवार को सिलीगुड़ी नगर निगम में पत्रकारों को संबोधित करते रंजन सरकार उर्फ राणा ने मेयर अशोक भट्टाचार्य पर आरोप लगाते कहा कि सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए नगर निगम के माकपा बोर्ड ने दो वर्ष पूर्ति के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया. इसमें पार्टी के एक विधायक और एक सांसद के पीछे करीब ढाई लाख रुपया बेवजह खर्च किया गया. जबकि माकपा बोर्ड के एक वर्ष पूरा होने पर वर्षगांठ नहीं मनायी गयी थी. इस बार के कार्यक्रम में भी शहर के विकास से संबंधित कोई चर्चा नहीं हुई, बल्कि निगम का रुपया खर्च पर आयोजित कार्यक्रम में सिर्फ राजनीतिक वार्तालाप हुआ.

श्री सरकार ने कहा कि मेयर राज्य सरकार पर शुरू से ही आर्थिक असहयोगिता का आरोप लगाते आ रहे हैं. लेकिन पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने राज्य वित्त आयोग के तहत 28 करोड़, 14 वें वित्त आयोग के तहत 8 करोड़, बिजली बिल के लिये 12 करोड़, ग्रामीण रोजगार के लिए 2 करोड़ रुपया मुहैया कराया है. हाउसिंग फॉर ऑल योजना के तहत 30 करोड़ रुपया आवंटित किया जा चुका है. मनोरंजन के मद का रुपया बढ़ाकर 92 लाख रुपया कर दिया गया है. जबकि निगम का माकपा बोर्ड अपने दलीय समाचार पत्र को दस लाख रुपये से अधिक का विज्ञापन दे चुका है. उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने श्वेत पत्र प्रकाशित कर राज्य सरकार द्वारा दिये गये रुपयों का ब्योरा पेश किया. हाल ही में राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम ने निगम के मेयर को चुनौती दी. लेकिन अशोक भट्टाचार्य ने अब तक जवाब नहीं दिया है. राज्य सरकार की ओर से शहरी रोजगार योजना, अमृत, एनयूएलएस व एनयूएचएम योजना के तहत करोड़ों रुपया सिलीगुड़ी नगर निगम को आवंटित किया है. निगम का माकपा बोर्ड उन रुपयों को खर्च नहीं कर पा रहा है. पेयजल मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार ने तीन करोड़ रुपये निगम को दिये. लेकिन योजना के उद्घाटन के समय मंत्री या तृणमूल पार्षदों को कार्यक्रम में आमंत्रित तक नहीं किया गया. पिछले दो वर्षों में निगम का माकपा बोर्ड शहर में एक भी विकास कार्य नहीं कर पाया है. माकपा सरकार के अंतिम क्षणों की तरह बिना किसी आधार के नवयुवकों को नियुक्त किया जा रहा है. श्री सरकार ने कहा कि मेयर के रूप में अशोक भट्टाचार्य पूरी तरह से विफल साबित हुए हैं. नैतिकता के आधार पर इन्हें पदत्याग कर देना चाहिए.

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