सिंचाई परियोजना में बड़े पैमाने पर घोटाला
बालूरघाट: टैक्स में घोटाला करने के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसानों को डीप ट्यूबवेल से पानी नहीं दिया जा रहा है. दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुमारगंज ब्लॉक स्थित बटून ग्राम पंचायत के गोपालपुर गांव के कुल 50 किसानों को सरकारी डीप ट्यूबवेल के पानी से वंचित रखा जा रहा है. प्रशासन भी इन 50 किसानों […]
बालूरघाट: टैक्स में घोटाला करने के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसानों को डीप ट्यूबवेल से पानी नहीं दिया जा रहा है. दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुमारगंज ब्लॉक स्थित बटून ग्राम पंचायत के गोपालपुर गांव के कुल 50 किसानों को सरकारी डीप ट्यूबवेल के पानी से वंचित रखा जा रहा है. प्रशासन भी इन 50 किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है.
मिली जानकारी के अनुसार इलाके में सिंचाई विभाग का एक डीप ट्यूबवेल है. इसी ट्यूबवेल से गांव के करीब दो सौ एकड़ जमीन की सिंचाई होती है. इस ट्यूबवेल की देखरेख में नगेन हेमब्रम नामक एक सरकारी कर्मचारी नियुक्त है. इसके अतिरिक्त ग्रामीण लोगों को लेकर एक कमेटी भी बनी है. इस कमेटी के सचिव निताइ सरकार और उपाध्यक्ष के पद पर रजत दास थे. पानी के लिये प्रतिवर्ष किसानों को नौ सौ रुपया टैक्स देना पड़ता है. इसी रुपये में घोटाले का आरोप लगा है. कमिटी के उपाध्यक्ष रजत दास ने ही सबसे पहले इसको उठाया था. उसके बाद उनके साथ मारपीट की गयी व उनके खेत में पानी देना बंद कर दिया गया.
शिकायतकर्ता किसान रजत दास ने बताया कि गांव के सभी किसान पानी के लिये टैक्स जमा करते हैं,लेकिन सरकारी खाते में सिर्फ 40 से 45 किसानों को ही करदाता के रुप में दिखाया जाता है. बाकी रुपये की हेराफेरी हो जाती है. इस घोटाले का उन्होंने विरोध किया. विरोध करने पर सचिव व उनके चट्टे-बट्टों ने मारपीट की और आग्नेयास्त्र दिखाकर जान से मारने की धमकी भी दी है. दूसरी तरफ सरकारी कर्मचारी नगेन हेमब्रम भी घोटालेबाजों के साथ मिलकर रजत मुखर्जी के खिलाफ ही थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी. उसके बाद उनके खेत में पानी देना बंद कर दिया गया है. गांव में उनकी एक एकड़ खेती की जमीन है.
पूरे गांव में पानी के लिये तीन पाइप लाइन बने हैं. उनकी जमीन से होकर गुजने वाले पाइप लाइन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. जिसकी वजह से उनके साथ-साथ और भी 40 किसानों को पानी मिलना बंद हो गया है. इस समस्या से उन्होंने बीडीओ व एसडीओ को अवगत कराया है. समस्या समाधान के लिये प्रशासन ने भी अब तक कोई कदम नहीं उठाया है. किसान रजत दास ने मुआवजे की मांग की है. इसके साथ ही उसने घोटाले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवायी की भी मांग की.