Vishnupur Lok Sabha Seat : विष्णुपुर के चुनावी जंग में आमने-सामने हैं कभी के जीवनसंगी, आखिर कौन लहराएगा जीत का परचम

Vishnupur Lok Sabha Seat : विष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद सौमित्र खां वर्ष 2014 व 2019 में हुए चुनाव में जीत दर्ज की. 2014 में वह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सांसद रहे, वहीं 2019 में वह भारतीय जनता पार्टी के सांसद बने. विवादों से उनका पुराना नाता रहा है.

By Shinki Singh | March 15, 2024 2:44 PM

Vishnupur Lok Sabha Seat : कभी जीवन साथी रहे सौमित्र खां (Soumitra Khan) व सुजाता मंडल (Sujata Mondal) एक दूसरे से अलग हो गये हैं. राजनीति ने इनके वैवाहिक जीवन को काफी प्रभावित किया. हाल में भाजपा ने फिर से सौमित्र खां को विष्णुपुर से अपना उम्मीदवार घोषित किया है. दूसरी तरफ तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सौमित्र की पूर्व पत्नी सुजाता मंडल को अपनी पार्टी का टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. पूर्व पति-पत्नी के बीच चुनावी लड़ाई इस समय बंगाल में चर्चा के केंद्र में है. सुजाता ने यह कहते हुए ताल ठोका है कि मैं विष्णुपुर की बेटी हूं. यह मेरे लिए केवल एक राजनीतिक लड़ाई नहीं है.

विष्णुपुर के लोग अपनी बेटी को पहुंचायेंगे संसद

वह अपनी लड़ाई को अन्याय के खिलाफ बता रही हैं. वह कहती हैं कि उन्हें पूरा भरोसा है कि विष्णुपुर के लोग अपनी बेटी को संसद पहुंचायेंगे. यहां के लिए मैं नयी भी नहीं हूं. हर कोई मेरे बारे में जानता है. मैंने अपना सारा समय विष्णुपुर को दिया है. मैं कोशिश कर रही हूं कि यहां के लोगों के साथ खड़ी होऊं. गौरतलब है कि सुजाता भी पहले भाजपा में थीं. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वह तृणमूल से जुड़ गयीं. सुजाता ने कहा, ‘केवल मैं ही नहीं, हर कोई हमारी पिछली कहानी के बारे में जानता है. अब मैं इस लड़ाई के लिए तैयार हूं.’

तृणमूल कांग्रेस …. आंखें निकाल लूंगा : सौमित्र खां

सौमित्र खां ने कहा कि विष्णुपुर में तृणमूल खत्म हो गयी है. किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं है. यदि कोई कुछ करता है तो उनकी आंखें निकाल लूंगा. इतनी क्षमता रखता हूं. इस बयान पर उनकी पूर्व पत्नी व तृणमूल उम्मीदवार सुजाता मंडल ने कहा कि वह जान से मारने जैसी धमकी दे रहे हैं. अब यहां के लोग यह तय करेंगे कि ऐसे लोगों को यहां से चुन कर भेजना उचित है या नहीं. खां ने कहा कि 2011 से काम कर रहा हूं. उन्होंने इस बार तीन लाख से अधिक वोटों से जीतने का दावा किया है.

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विवादों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहे हैं विष्णुपुर के सांसद

विष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद सौमित्र खां वर्ष 2014 व 2019 में हुए चुनाव में जीत दर्ज की. 2014 में वह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सांसद रहे, वहीं 2019 में वह भारतीय जनता पार्टी के सांसद बने. विवादों से उनका पुराना नाता रहा है. कांग्रेस से जुड़ कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. उन्होंने कोतुलपुर से विधानसभा का चुनाव भी जीता. वर्ष 2013 में वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये.

2014 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने सौमित्र खां को विष्णुपुर संसदीय सीट से दिया था टिकट

2014 के आम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने सौमित्र खां को विष्णुपुर संसदीय सीट से टिकट दिया. वह जीत भी गये. लेकिन वर्ष 2019 में तृणमूल छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गये थे. तृणमूल छोड़ने के बाद नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये लेने का आरोप उन पर लगा. थाने में इसे लेकर एक मामला भी दर्ज हुआ. मौका मिल गया, तो पुलिस ने उनसे पूछताछ भी की थी. तब वह भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर चुके थे.मामला सामने आने पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर तो रोक लगा दी, पर उन्हें निर्वाचन क्षेत्र में जाने से भी रोक दिया.

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बिना प्रचार किये ही पिछली बार जीत गये थे चुनाव

स्वाभाविक था कि ऐसे में वह चुनावी सभाएं नहीं कर सकते थे. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा, जहां से उन्हें इलाके में जाकर नामांकन दाखिल करने की तो छूट मिल गयी, पर उनका प्रचार लड़खड़ाने लगा. तब उनकी तत्कालीन पत्नी सुजाता मंडल खां ने अपने पति के लिए चुनाव प्रचार की कमान थामी थी. खुद बिना चुनाव प्रचार में गये ही सौमित्र खां 78 हजार वोटों से चुनाव जीत गये थे. पर, बाद में घरेलू कलह के कारण उनकी पत्नी सुजाता तृणमूल में शामिल हो गयीं. इसके बाद दोनों ने अलग होने का फैसला लिया. इनका मामला अदालत जा पहुंचा. जंगलमहल को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर भी सौमित्र खां ने विवादों को जन्म दिया था. तृणमूल से भाजपा में गये मुकुल राय का हाथ थाम कर कर वह भाजपा में पहुंचे थे.

एम्स का सपना देख-दिखा रहे हैं वर्तमान एमपी

लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा सांसद सौमित्र खां ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका लक्ष्य विष्णुपुर में भी एक एम्स के निर्माण का है. उन्होंने कहा है कि विष्णुपुर में केंद्र सरकार की करीब ढाई हजार एकड़ जमीन है. यहां अगर एक एम्स जैसाा अस्पताल बनाया जाता है, तो आम लोगों को काफी सहूलियत होगी. वह कहते हैं कि यहां 100 किलोमीटर के दायरे में कोई केंद्रीय अस्पताल नहीं है. केंद्र से कइयों को काफी कुछ मिला है. विष्णुपुर-जयरामबाटी रेललाइन से लेकर मासाग्राम तक काफी कुछ मिला. अब कोशिश है कि विष्णुपुर में एक एम्स बने. आम लोगों के हित के लिए वह ऐसा ही चाहते हैं. श्री खां ने अपने बयान को फेसबुक पर भी शेयर किया. अपने वक्तव्य का एक वीडियो शेयर करते हुए श्री खां ने कहा है कि विष्णुपुर में केंद्र सरकार का अस्पताल जरूर बनेगा. यह उनका आगामी पांच वर्षों का लक्ष्य है. विष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र के लोगों के हितों से जुड़े मुद्दों को वह संसद में हमेशा ही उठाते रहे हैं. उन्हें आशा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से विष्णुपुर के लोगों के लिए वह एम्स का सपना भी पूरा कर सकेंगे.

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मेरे लिए राजनीति एक साधना : सुजाता

लोकसभा चुनाव का प्रचार शुरू करने के बाद तृणमूल उम्मीदवार सुजाता मंडल ने कहा है कि राजनीति उनके लिए साधना है. अपना जीवन इसके लिए उन्होंने समर्पित किया है. प्रचार की शुरूआत जयपुर की मिट्टी को प्रणाम करके उन्होंने की. प्रचार अभियान के तहत सुजाता ने एक जुलूस निकाला, जिसमें उनके साथ तृणमूल कार्यकर्ता मौजूद थे. उन्होंने कहा कि पांच वर्षों से विष्णुपुर में वह हैं. जीवन के सारे शौक और खुशियों को विसर्जित करके वह आयी हैं. सुजाता ने आशा जतायी है कि जनता उनका ही समर्थन करेगी.

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तू-तू , मैं-मैं

लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है. विष्णुपुर सीट के लिए इस बार की लड़ाई मूल रूप से भाजपा बनाम तृणमूल की मानी जा रही है. भाजपा के उम्मीदवार सौमित्र खां और तृणमूल की सुजाता मंडल में तू-तू , मैं-मैं का दौर शुरू हो गया है. चुनाव प्रचार शुरू करते ही सुजाता मंडल ने कहा कि भाजपा के उम्मीदवार किसी प्रकार से प्रतिद्वंदी नहीं हैं. पिछले 10 वर्षों से विष्णुपुर के वोटरों ने एक बेकार व्यक्ति को जनप्रतिनिधि बना रखा है. विष्णुपुर के सात विधानसभा क्षेत्रों में कहीं एक भी कोई अच्छा काम नहीं हुआ. उनकी लड़ाई भाजपा की सांप्रदायिकता के खिलाफ है. चुनाव में जीत कर विष्णुपुर के लोगों के लिए वह काम करना चाहती हैं. इधर सौमित्र खां का कहना है कि विष्णुपुर सीट से कोई राजनीतिक व्यक्ति खड़ा होता तो लड़ाई होती. राजनीति को लेकर या विकास को लेकर चर्चा होती. लेकिन जिसे चुनाव में खड़ा किया गया है, वह देख कर कह सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में सबसे बड़े अंतर से विष्णुपुर सीट से वह जीतेंगे. चुनाव में जीत का अंतर चार लाख से अधिक होगा.

क्या कहना है नेता का

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए जुड़ा है एनआरसी के साथ. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं. सीएए लागू करने के बाद केंद्र सरकार पिछले दरवाजे से एनआरसी लायेगी. भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा की सरकार बंगाल में आने के बाद लक्खी भंडार की तर्ज पर योजना शुरू की जायेगी और महिलाओं को हर महीने तीन हजार रुपये की मदद दी जायेगी. अधीर चौधरी ने कहा बहरमपुर लोकसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए कुछ नहीं किया है. न ही मुझे अपने सांसद निधि से कुछ भी करने दिया.

विष्णुपुर के 07 विधानसभा क्षेत्र

  • बरजोरा तृणमूल आलोक मुखर्जी
  • ओंदा भाजपा अमरनाथ शाखा
  • विष्णुपुर भाजपा तन्मय घोष
  • कोतुलपुर भाजपा हरकाली प्रतिहार
  • इंदास भाजपा निर्मल धाड़ा
  • सोनामुखी भाजपा दिवाकर घरामी
  • खंडघोष तृणमूल नवीन चंद्र बाग

आंकड़ों में विष्णुपुर के मतदाता

  • कुल मतदाता 1623095
  • पुरुष मतदाता 828805
  • महिला मतदाता 794282
  • थर्ड जेंडर 000008


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