कोलकाता. आंकड़ों के अनुसार, भारत में 18 मिलियन से अधिक लोग ऑटिज्म से पीड़ित हैं और इन लोगों की मदद के लिए केयर फॉर ऑटिज्म (सीएफए) ने विशेष पहल की है. केयर फॉर ऑटिज्म के संस्थापक ललित खेतान ने बताया कि फाउंडेशन की पहल के दृष्टिकोण में व्यक्तिगत मूल्यांकन और अनुरूप उपचार योजनाएं शामिल हैं, जो प्रत्येक बच्चे की विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित करती हैं. सीएफए की विशेष शिक्षकों की टीम, व्यावसायिक चिकित्सक और भाषा चिकित्सक वैयक्तिकृत डिजाइन करने के लिए मिलकर काम करते हैं. इस संबंध में केयर फॉर ऑटिज्म के सेंटर हेड इंद्रनील ने बताया कि हम समझते हैं कि ऑटिज्म एक आजीवन चुनौती है. कई स्कूल ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को प्रवेश देने में अनिच्छुक हैं. और जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उनके पास विशिष्ट नौकरी के अवसरों की कमी होती है. उन्होंने बताया कि फाउंडेशन अपने रोगियों को सर्वांगीण सहायता प्रदान करता है.
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