एचएस परीक्षा में रानीगंज की श्रीजिका चक्रवर्ती चमकी

पश्चिम बंगाल हायर सेकेंडरी परीक्षा के घोषित परिणाम में रानीगंज के गांधी स्मृति बालिका विद्यालय की छात्रा श्रीजिका चक्रवर्ती ने राज्य में संभावित ग्यारहवां स्थान और जिले में संभावित प्रथम स्थान प्राप्त किया है. पश्चिम बर्दवान जिले में उच्च माध्यमिक परीक्षा में संभावित प्रथम स्थान प्राप्त कर उ,ने जिले का मान बढ़ाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 9, 2024 6:17 PM

रानीगंज.

बुधवार को पश्चिम बंगाल हायर सेकेंडरी परीक्षा के घोषित परिणाम में रानीगंज के गांधी स्मृति बालिका विद्यालय की छात्रा श्रीजिका चक्रवर्ती ने राज्य में संभावित ग्यारहवां स्थान और जिले में संभावित प्रथम स्थान प्राप्त किया है. पश्चिम बर्दवान जिले में उच्च माध्यमिक परीक्षा में संभावित प्रथम स्थान प्राप्त कर उ,ने जिले का मान बढ़ाया है. कला संकाय की छात्रा श्रीजिका ने बताया कि उसे ऑनलाइन पता चला कि उसे अंग्रेजी में 99, बांग्ला में 90, संस्कृत में 100 और राजनीति विज्ञान में 97, भूगोल में 95 और दर्शनशास्त्र में 95 अंक मिले हैं. उसका सपना रचनात्मक अंग्रेजी (साहित्य) का प्रोफेसर बनना है. रानीगंज के एक प्रशिक्षण केंद्र की देखरेख में उसने चित्रकला आवृत्ति (कविता पाठ) सीखा है. संगीत सुनना उनका शौक है. कहानियां पढ़ना पसंद है. गांधी स्मृति बालिका उच्च विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सहित उसके पड़ोसियों और उसके सभी रिश्तेदारों और सहपाठियों को श्रीजिका पर गर्व है. इस बारे में उसके पिता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें आशा नहीं थी कि उनकी बेटी इतना अच्छा रिजल्ट करेगी. हालांकि वह जानते थे कि उनकी बेटी मेधावी है और बहुत ही अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होगी. लेकिन यह नतीजा उनकी अपेक्षा से भी परे है. वहीं श्रीजिका ने कहा कि अपने रिजल्ट से वह काफी खुश है. लेकिन एक नंबर के लिए वह दसवें पायदान से चूक गयी, जिसका उसे अफसोस है. हालांकि उसने कहा कि वह अपने रिजल्ट को रीव्यू करवायेगी. लेकिन उसे विशेषकर बांग्ला भाषा में आशा के अनुरूप अंक नहीं मिले. हालांकि उसे उम्मीद है कि कई विषयों में उसके नंबर बढ़ेंगे. उसने कहा कि आगे चलकर वह अंग्रेजी भाषा को लेकर अपना करियर बनाना चाहती है. वह कॉलेज या कम से कम हाइस्कूल की शिक्षिका बनना चाहती है. वह बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में मेधावी रही हैं. हर परीक्षा में वह अपने क्लास के पहले तीन टॉपर में आती थी. उसने अपनी इस सफलता के लिए अपने माता-पिता, ट्यूशन टीचर और स्कूल के शिक्षकों को धन्यवाद दिया. उसने कहा कि शिक्षक जो पढ़ाते हैं उसे मन लगाकर पढ़ने से ही सफलता मिलती है.

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