WB News : नियुक्ति प्रक्रिया में कुछ भी अच्छा नहीं, हाइकोर्ट को अनुकरणीय कदम उठाने की जरूरत

WB News : अदालत को इस मामले में अपने स्वतंत्र मूल्यांकन पर भरोसा करना चाहिए. इस पर न्यायाधीश देवांशु बसाक ने कहा कि अदालत जांच एजेंसियों के अलावा और किस पर निर्भर करेगी. इस अदालत ने उम्मीदवारों को अपनी ओएमआर शीट की जांच करने का मौका भी दिया और अभ्यर्थियों ने भी पाया है कि धांधली हुई है.

By Shinki Singh | March 20, 2024 6:21 PM

WB News : राज्य के स्कूलों में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति में हुई धांधली मामले की सुनवाई बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट (CalCutta High Court) में पूरी हो गयी है. करीब चार महीने से हाईकोर्ट के न्यायाधीश देवांशु बसाक व न्यायाधीश मोहम्मद शब्बर रशीदी की विशेष बेंच पर चल रही थी. खंडपीठ ने मामले पर प्राय: हर दिन सुनवाई की, जो अब तक खत्म हो गयी है. सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.हालांकि, मामले की सुनवाई के दौरान खंडपीठ के न्यायाधीश देवांशु बसाक ने कहा कि इस नियुक्ति प्रक्रिया से कुछ भी अच्छा निकालना मुश्किल है. अतिरिक्त नियुक्तियां रद्द की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में कुछ भी अच्छा नहीं है और रिक्त पदों से अधिक नियुक्तियां की गयी हैं और उन अतिरिक्त नियुक्तियों को समाप्त किया जाना चाहिए.

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एसएससी के माध्यम से ग्रुप सी, ग्रुप डी, IX-X और XI-XII कक्षाओं में नियुक्ति के मामले को सुनवाई के लिए वापस हाईकोर्ट भेज दिया था. उसके बाद ही विशेष पीठ का गठन कर मामले की सुनवाई चल रही थी.वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान आंदोलन अभ्यर्थियों की ओर से मामले की पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश और अपराध था, जहां वित्तीय कारणों से अयोग्य लोगों के लिए जगह बनाने के लिए रिक्त पदों से अधिक नियुक्तियां की गयीं. इस नियुक्तियां प्रक्रिया में जनता का पैसा बर्बाद किया गया. साजिश में शामिल राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. कलकत्ता हाइकोर्ट को इस मामले में एक अनुकरणीय कदम उठाने की जरूरत है. अन्यथा ऐसा भ्रष्टाचार दोबारा होगा. श्री भट्टाचार्य ने तर्क दिया कि अपराधियों को अपने भ्रष्ट कार्यों को जारी रखने की खुली छूट मिल जायेगी.

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अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला

दूसरी ओर, जिन अभ्यर्थियों की नियुक्ति सवालों के घेरे में है, उनके वकील ने सुनवाई के आखिरी दिन मामले अदालत में कहा कि सीबीआई और इडी द्वारा की गयी जांच की दक्षता पर संदेह जताया. मामले में इन दोनों एजेंसियों की जांच के निष्कर्ष भरोसेमंद नहीं हैं. अदालत को इस मामले में अपने स्वतंत्र मूल्यांकन पर भरोसा करना चाहिए. इस पर न्यायाधीश देवांशु बसाक ने कहा कि अदालत जांच एजेंसियों के अलावा और किस पर निर्भर करेगी. इस अदालत ने उम्मीदवारों को अपनी ओएमआर शीट की जांच करने का मौका भी दिया और अभ्यर्थियों ने भी पाया है कि धांधली हुई है. यह कहते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी होने की घोषणा की और फैसला सुरक्षित रख लिया.

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