कोलकाता.
राज्य सरकार ने राशन भ्रष्टाचार मामले के आरोपियों में से एक बकीबुर रहमान की राइस मिल को धान का आवंटन नहीं करने का फैसला किया है. मंगलवार को राज्य सरकार के अधिवक्ता ने पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी बकीबुर रहमान की एनपीजी राइस मिल को आवंटन नहीं देने की दलील दी. राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि जिस कंपनी के मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा हो, जिसे इडी ने गिरफ्तार किया हो, उसे आवंटन देना कैसे संभव है?वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि एनपीजी राइस मिल में कई निदेशक हैं. इनमें से और किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. कंपनी के जिन निदेशकों ने कलकत्ता हाइकोर्ट का रुख किया है, उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है, तो उनका आवंटन क्यों बंद किया है. सुनवाई के बाद न्यायाधीश शुभेंदु सामंत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि अगर चावल मिल में धान नहीं जायेगा, तो चावल की सप्लाई कम हो जायेगी, जिससे आम लोगों को दिक्कत होगी.एनपीजी राइस मिल के वकील के मुताबिक, बकीबुर रहमान के खिलाफ शिकायतें हैं, लेकिन वह सिर्फ कंपनी के निदेशक हैं. कंपनी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. ऐसे में राइस मिल को आवंटन से क्यों वंचित किया जा रहा है? गौरतलब है कि बकीबुर रहमान की गिरफ्तारी के बाद राज्य ने उनकी कंपनी को चावल की आपूर्ति बंद कर दी है. इसके बाद कंपनी के अन्य निदेशकों ने राज्य के इस फैसले को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
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