Mahua Moitra : लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ महुआ मोइत्रा की याचिका पर मई में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Mahua Moitra : पिछले साल आठ दिसंबर को आचार समिति की रिपोर्ट पर लोकसभा में तीखी बहस के बाद, जिस दौरान मोइत्रा को बोलने की अनुमति नहीं दी गई थी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ‘अनैतिक आचरण’ के लिए तृणमूल सांसद को सदन से निष्कासित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.

By Shinki Singh | March 11, 2024 6:25 PM

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की उस याचिका पर मई में सुनवाई करेगा जिसमें उन्होंने लोकसभा से अपने निष्कासन को चुनौती दी है. उनकी याचिका न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आयी. महुआ मोइत्रा की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनका इस मामले में लोकसभा महासचिव द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे पर प्रत्युत्तर दाखिल करने का इरादा नहीं है. पीठ ने कहा, ‘छह मई से शुरू होने वाले सप्ताह में एक गैर-विविध दिन की सूची बनाएं. याचिकाकर्ता (मोइत्रा) के वकील का कहना है कि उनका प्रत्युत्तर दाखिल करने का इरादा नहीं है.

मोइत्रा की याचिका पर लोकसभा महासचिव से जवाब मांगा था शीर्ष अदालत ने

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने तीन जनवरी को निष्कासन को चुनौती देने वाली मोइत्रा की याचिका पर लोकसभा महासचिव से जवाब मांगा था.पीठ ने उनके अंतरिम अनुरोध पर आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने अदालत से लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. लेकिन न्यायालय ने यह कहते हुए कि इसकी अनुमति नहीं दी कि यह उन्हें मुख्य राहत देने के समान होगा. शीर्ष अदालत ने लोकसभा अध्यक्ष और सदन की आचार समिति को नोटिस जारी करने से भी इनकार कर दिया था. मोइत्रा ने अपनी याचिका में दोनों को प्रतिवादी बनाया था.

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पिछले साल आठ दिसंबर को आचार समिति की रिपोर्ट पर लोकसभा में तीखी बहस

पिछले साल आठ दिसंबर को आचार समिति की रिपोर्ट पर लोकसभा में तीखी बहस के बाद, जिस दौरान मोइत्रा को बोलने की अनुमति नहीं दी गई थी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ‘अनैतिक आचरण’ के लिए तृणमूल सांसद को सदन से निष्कासित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.जोशी ने कहा था कि आचार समिति ने महुआ मोइत्रा को ‘अनैतिक आचरण’ और सदन की अवमानना का दोषी पाया क्योंकि उन्होंने लोकसभा सदस्यों के लिए बने पोर्टल की जानकारी (उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड) अनधिकृत लोगों के साथ साझा किए थे, जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ा था.

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महुआ मोइत्रा के खिलाफ दायर शिकायत पर समिति की रिपोर्ट की थी पेश

समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि मोइत्रा के ‘अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण’ को देखते हुए सरकार द्वारा तय समय सीमा के साथ एक गहन कानूनी और संस्थागत जांच शुरू की जाए. जोशी द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अशोभनीय पाया गया, क्योंकि उन्होंने एक व्यवसायी के हितों को आगे बढ़ाने के लिए उससे उपहार और अवैध लाभी स्वीकार किये जो कि बहुत निंदनीय कृत्य है.इससे पहले आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा महुआ मोइत्रा के खिलाफ दायर शिकायत पर समिति की रिपोर्ट पेश की थी.

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