सागरद्वीप में कटाव वाले क्षेत्रों का किया गया सर्वेक्षण
गंगासागर महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है. हर साल गंगासागर मेले में भारी तादाद में तीर्थयात्री आते हैं.
राज्य के सिंचाई व सुंदरवन विकास विभाग की ओर किया गया सर्वेक्षण संवाददाता, कोलकाता. गंगासागर महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है. हर साल गंगासागर मेले में भारी तादाद में तीर्थयात्री आते हैं. पुण्य प्राप्ति की आशा से लाखों लोग मकर सक्रांति के दिन गंगासागर में डुबकी लगाते हैं, कपिलमुनि के आश्रम में पूजा करते हैं. कुछ वर्षों से सागर द्वीप सहित सुंदरवन क्षेत्र में स्थित दूसरे द्वीप, समुद्र के जल स्तर बढ़ने व नदियों के कटाव की वजह से सिकुड़ते जा रहे हैं. जिस सागर द्वीप पर गंगा सागर स्थित है, वह हर साल सिमटता जा रहा है. इस समस्या के प्रति राज्य सरकार गंभीर है. गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी राज्य के सिंचाई व सुंदरवन विकास विभाग की ओर से सागरद्वीप में कटाव वाले क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया. इस मौके पर सुंदरवन विकास मंत्री बंकिम हाजरा भी उपस्थित थे. कटाव क्षेत्र से मिट्टी और रेत एकत्र की गयी. उच्च ज्वार के दौरान कितना पानी बढ़ता है, इसे मापने का भी काम चल रहा है. इसी वजह से सिंचाई विभाग की ओर से सैटेलाइट तस्वीरें जुटायी गयी हैं. सर्वेक्षण के इस काम में आइआइटी चेन्नई की एक टीम की भी मदद ली गयी है. सिंचाई विभाग योजना बना रहा है कि अगले सागर मेले से पहले इस कटाव को कैसे रोका जाये. दो दिवसीय सर्वेक्षण की विस्तृत रिपोर्ट सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव को सौंपी जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है