फर्जी पहचान पत्र के जरिये राज्य में अपने ठिकाने बदल रहे थे संदिग्ध आतंकी
आरोपी अब्दुल मथीन अहमद ताहा उर्फ मथीन उर्फ ताहा (30) के अलावा अन्य मुख्य आरोपी मुसाविर शाजीब हुसैन उर्फ शाजेब उर्फ मोहम्मद जुनैद हुसैन (30)
कोलकाता. बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट की जांच कर रही राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) ने पूर्व मेदनीपुर से घटना के मास्टरमाइंड माने जाने वाले आरोपी अब्दुल मथीन अहमद ताहा उर्फ मथीन उर्फ ताहा (30) के अलावा अन्य मुख्य आरोपी मुसाविर शाजीब हुसैन उर्फ शाजेब उर्फ मोहम्मद जुनैद हुसैन (30) को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों के आतंकी संगठन आइएसआइएस से जुड़े होने की बात सामने आयी है. सूत्रों के अनुसार विस्फोट के बाद दोनों फरार हो गये थे. एनआइए ने दोनों की गिरफ्तारी में मदद करने वाले लोगों को 10-10 लाख रुपये इनाम देने की भी घोषणा की थी. जांच में पता चल रहा है कि घटना के बाद से ही दोनों फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पश्चिम बंगाल में भी अलग-अलग जगहों में ठिकाने बदल रहे थे. सूत्रों की मानें, तो दोनों के कोलकाता में लेनिन सरणी, धर्मतला, खिदिरपुर और इकबालपुर के होटलों में भी ठहरने की बात सामने आ रही है. वे ज्यादा से ज्यादा एक या दो दिनों तक वहां ठहरते, फिर ठिकाना बदल लेते थे. सूत्रों के अनुसार 13 मार्च को दोनों खुद को पर्यटक बताकर कोलकाता के लेनिन सरणी स्थित एक होटल में भी ठहरे थे और 14 मार्च को वहां से अन्यत्र चले गये थे. उन्होंने बताया था कि वे दार्जिलिंग से आये हैं. एनआइए को पता चला था कि हुसैन ने मोहम्मद जुनैद सैयद नाम से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य दस्तावेज बनाये हैं, जबकि ताहा ने विगनेश नाम से फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बना रखे हैं. वे छिपने के लिए कम बजट वाले होटल और लॉज को चुनते थे. वहां ठहरने के लिए वे फर्जी दस्तावेज की प्रति ही देते थे. साथ ही होटलों का किराया चुकाने के लिए कैस का इस्तेमाल करते थे. आरोपियों से पूछताछ कर संघीय जांच एजेंसी इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वे जिन-जिन जगहों पर ठहरे वहां उनके किसी साथी की मदद मिली थी या नहीं. साथ ही उनकी अगली योजना भी जांच का अहम हिस्सा माना जा रहा है.