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Suvendu Adhikari : शुभेंदु अधिकारी के विस्फोटक सुर, सबका साथ, सबका विकास’ मुद्दे पर कह दी ये बात…

Suvendu Adhikari : शुभेंदु अधिकारी ने कहा, हम सभी ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात किया करते हैं, लेकिन आगे से अब मैं यह नहीं कहूंगा, क्योंकि मेरा मानना है कि इसके बजाय यह ‘हम उनके साथ जो हमारे साथ’ होना चाहिए. अल्पसंख्यक मोर्चा की कोई जरूरत नहीं है.

Suvendu Adhikari : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने हालिया लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए अल्पसंख्यक समुदाय से कम समर्थन मिलने को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की जरूरत नहीं है और इसके बजाय उन्होंने ‘‘हम उनके साथ जो हमारे साथ’’ का प्रस्ताव दिया.भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तारित सत्र को संबोधित करते हुए अधिकारी ने यह भी कहा कि पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा की जरूरत नहीं है. हालांकि, बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणियों को संदर्भ से हटाकर पेश किया गया और कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का पूरा समर्थन करते हैं.

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अधिकारी ने भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तारित सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रवादी मुस्लिमों की भी बात की है. हम सभी ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात किया करते हैं, लेकिन आगे से अब मैं यह नहीं कहूंगा, क्योंकि मेरा मानना है कि इसके बजाय यह ‘हम उनके साथ जो हमारे साथ’ होना चाहिए. अल्पसंख्यक मोर्चा की कोई जरूरत नहीं है.राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में करीब 30 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाता हैं, जिन्होंने तृणमूल कांग्रेस को हालिया लोकसभा चुनाव में दक्षिणी पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में शानदार जीत हासिल करने में मदद की.

लोगों के जनादेश से चुनाव जीतने पर ही आएंगे हम सत्ता में

वहीं, उत्तर बंगाल में वाम-कांग्रेस गठबंधन और तृणमूल के बीच मतों के विभाजन ने भाजपा को क्षेत्र में कई सीट हासिल करने में मदद की. साल 2014 में भाजपा ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया था और 2019 में एक कदम आगे बढ़ते हुए इसे ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’’ कर दिया था. अधिकारी ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान कई इलाकों में तृणमूल कांग्रेस के जिहादी गुंडों ने हिंदुओं को वोट नहीं डालने दिया. पश्चिम बंगाल में, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है.तृणमूल के जिहादी गुंडे ऐसा नहीं होने देंगे. स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव राज्य में अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू कर ही संभव है ,हम राष्ट्रपति शासन लागू कर पिछले दरवाजे से राज्य में सत्ता हथियाना नहीं चाहते. उन्होंने कहा, लोगों के जनादेश से चुनाव जीतने पर ही हम सत्ता में आएंगे.

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