संवाददाता, कोलकाता
स्वास्थ्य साथी कार्ड को लेकर नया निगम लागू किया गया है. नये नियमों के अनुसार, अब से अगर मरीज 10 दिन से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहते हैं, तो ऐसे मामले में मेडिकल ऑडिट की जायेगी. इसके बाद ही मरीज के इलाज पर आने वाले खर्च का भुगतान राज्य सरकार करेगी. लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने वाले मरीजों के लिए मेडिकल ऑडिट अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए नयी एडवाइजरी जारी की गयी है, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना, स्वास्थ्य साथी के तहत अगर कोई मरीज 10 दिनों से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहता है, तो उसका मेडिकल ऑडिट किया जायेगा. 24 जून को जारी किये गये एडवाइजरी में कहा गया है कि मेडिकल मैनेजमेंट के साधारण मामलों में जहां आइपीडी (इन-पेशेंट डिपार्टमेंट) के मरीज अस्पताल में 10 दिनों से ज्यादा भर्ती रहता है, तो ऐसे मामले में निजी अस्पताल द्वारा भेजे गये बिल की की समीक्षा के लिए मेडिकल ऑडिट, टीम को भेजना होगा. इसमें कहा गया है कि किसी भी तरह की चूक की स्थिति में कार्यान्वयन सहायता एजेंसी, इलाज करने वाले डॉक्टर और संबंधित अस्पताल पर जुर्माना लग सकता है या दूसरी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. हालांकि, एडवाइजरी में जुर्माने की राशि या निर्देश का उल्लंघन करने पर की जाने वाली कार्रवाई का जिक्र नहीं किया गया है.क्या कहते हैं अधिकारी
स्वास्थ्य सेवा निदेशक प्रो. डॉ सिद्धार्थ नियोगी ने कहा कि विभाग, निर्देश का उल्लंघन करने वालों को नहीं बक्शा जायेगा. प्रो. डॉ नियोगी ने कहा कि स्वास्थ्य साथी योजना से जुड़े सभी अधिकारियों को मरीजों को भर्ती करते समय दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह कदम तब उठाया गया, जब विभाग को शिकायत मिली थी कि कुछ मरीज अपने स्वास्थ्य साथी कार्ड का इस्तेमाल करके अस्पताल में किसी खास सर्जरी के लिए भर्ती हुए थे. उन्होंने एक और ऑपरेशन करवाया था, जो भर्ती के समय पैकेज में शामिल नहीं था. स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि हमें संदेह है कि नियोजित ऑपरेशन के अलावा एक से ज़्यादा सर्जरी कर कुछ गड़बड़ियां की गयी हैं. इससे सरकार को अतिरिक्त बिल का भुगतान करना पड़ा है. ज्ञात हो कि ममता बनर्जी द्वारा 16 दिसंबर, 2016 को शुरू की गयी स्वास्थ्य साथी योजना से पंजीकृत प्रत्येक परिवार के लिए प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कवरेज मिलता है. वर्तमान में इस योजना से 2.4 करोड़ से ज़्यादा परिवार जुड़ चुके हैं. राज्य में 2,400 से ज़्यादा अस्पताल इस योजना से जुड़े हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है