सरकार की अनुमति के बिना टैक्स नहीं बढ़ा सकेंगे नगर निकाय

मुख्यमंत्री ने कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना नगर निकाय (नगर निगम व नगरपालिका) न कोई टैक्स बढ़ा सकते हैं और न ही कोई नया कर लगा सकते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 25, 2024 2:59 AM

संवाददाता, कोलकाता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नगर निगमों और नगरपालिकाओं के कामकाज की स्थिति पर कड़ी नाराजगी जतायी और कुछ फेरबदल के निर्देश दिये. राज्य की कई नगरपालिकाओं ने राज्य सरकार की अनुमति के बिना ही संपत्ति कर में वृद्धि कर दी है और कहीं डेवलपमेंट फीस के नाम पर लोगों से अधिक टैक्स लिया जा रहा है. इस प्रकार की घटनाओं पर मुख्यमंत्री ने कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना नगर निकाय (नगर निगम व नगरपालिका) न कोई टैक्स बढ़ा सकते हैं और न ही कोई नया कर लगा सकते हैं. किसी भी नगर निगम या नगरपालिका को अपने स्तर पर ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है.

सोमवार को मुख्यमंत्री ने नबान्न सभागार में एक उच्चस्तरीय बैठक की.

बैठक में राज्य के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के साथ सभी नगर निगम के मेयर व नगरपालिकाओं के चेयरमैन उपस्थित रहे.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरपालिकाओं द्वारा आमंत्रित की जा रही निविदा प्रक्रिया में धांधली हो रही है. इसलिए अब से कोई भी नगरपालिका अपने स्तर पर किसी भी कार्य के लिए निविदा नहीं बुला सकती. अब नगर निगम व नगरपालिकाओं के कार्य के लिए केंद्रीयकृत निविदा बुलायी जायेगी और उसके आधार पर ही कार्य का ठेका दिया जायेगा. इस केंद्रीयकृत निविदाओं की निगरानी करने के लिए मुख्यमंत्री ने एक कमेटी का गठन करने की घोषणा की. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जलापूर्ति, हाउसिंग, निकासी व साफ-सफाई से संबंधित कार्यों के लिए नगर निगम व नगरपालिकाओं को सर्वश्रेष्ठ व सबसे खराब सेवा प्रदान करने वाली नगरपालिकाओं के नाम में बारे में जानकारी दी.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में सामने आया है कि हावड़ा जिले में स्थित उलबेड़िया नगरपालिका क्षेत्र में जलापूर्ति व हाउसिंग की परियोजनाओं को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया है. हमें इसे मॉडल के रूप में देखते हुए कार्य करना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि वह किसी प्रकार की अवहेलना होने की घटना को बर्दाश्त नहीं करेंगी. जन प्रतिनिधियों को लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करनी ही होगी.

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