WB News : दक्षिण कोलकाता का तापमान बढ़ते ही रवींद्र सरोवर में फिर मरने लगी मछलियां, पानी की गुणवत्ता को लेकर पर्यावरणविद् चिंतित
WB News : रवींद्र सरोवर लेक खासकर रोइंग के लिए प्रसिद्ध है, यहां पर रोइंग करने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी युवा आते हैं. जो कि लेक में आने वाले मॉर्निंग और इवनिंग वाकर्स के लिए भी एक बढ़िया दृश्य होता है.
WB News : देशभर में प्रसिद्ध महानगर राष्ट्रीय लेक रवींद्र सरोवर (Ravindra Sarovar) लगातार पर्यावरणविद् और मॉर्निंग वाकर्स के बीच चिंता का विषय रहा है. महानगर की दौड़-भाग की जिंदगी के बीच कोलकाता का लंग्स कहे जाने वाला ये सरोवर उनके लिए शुद्ध वायु का स्थान है,जो उन्हें दिनभर तरोताजा रखता है. पर्यावरणविद् कहते हैं कि महानगर में इतने कल कारखानों और दिनभर सड़कों पर पेट्रोल-डीजल से चलती गाड़ियों के कारण वातावरण में फैले विषाक्त वायु को शुद्ध करने का काम लेक करती है.
रवींद्र सरोवर लेक खासकर रोइंग के लिए प्रसिद्ध
लेकिन नेशनल लेक के रख रखाव का काम जिस तरह से होना चाहिए, वो नहीं हो पा रहा है. इसके लिए लेक के कास्टेडियन कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) को थोड़ा जागरूक होना पड़ेगा. जिससे गर्मियों में मछलियों के मरने के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को रोका जा सके और हरियाली बनी रहे. रवींद्र सरोवर लेक खासकर रोइंग के लिए प्रसिद्ध है, यहां पर रोइंग करने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी युवा आते हैं. जो कि लेक में आने वाले मॉर्निंग और इवनिंग वाकर्स के लिए भी एक बढ़िया दृश्य होता है. लेकिन यदि इसका रखरखाव ही ठीक से नहीं किया गया तो रोइंग के भी कई दुर्घटना वाले मामले सुनने को मिलेंगे. पिछले वर्ष ही दो स्कूली छात्र रोइंग के दौरान डूब गए थे.
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