आसनसोल/रानीगंज.
रानीगंज के सेनको गोल्ड एंड डायमंड शोरूम में हुए डकैती कांड में प्रत्यक्ष रूप से शामिल तीसरा आरोपी छपरा (बिहार) जिला के मांजी थाना अंतर्गत मुबारकपुर इलाके का निवासी नागेंद्र यादव को आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) पुलिस, बिहार एसटीएफ, मांजी थाने और दरौंदा थाने की पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर सीवान (बिहार) जिले के दरौंदा थाना क्षेत्र के शेरही गांव से रविवार को गिरफ्तार किया. शेरही में वह अपने फूफा के घर में पनाह लिये था. गिरफ्तारी के समय उसके पास से डकैती के दौरान उपयोग हुए ब्लैक बैक पैक (पीठ बैग) में लूट का 55 ग्राम के सोने के जेवरात भी पुलिस ने बरामद किये. सोमवार को उसे आसनसोल अदालत में पेश किया गया. जहां उसे 11 दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया. सूत्रों के अनुसार नागेंद्र, सेनको गोल्ड शोरूम में डकैती के साथ आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र में कार लूटने और कार मालिक को गोली मारने के मामले में भी शामिल है. डकैती कांड की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद उसे कार लूट व गोली मारने के मामले में भी पुलिस रिमांड पर लेने के लिए अदालत में अपील कर सकती है. कार लूट मामले में चार आरोपी हैं. प्राथमिक जांच में नागेंद्र का कोई पास्ट क्राइम हिस्ट्री पुलिस को नहीं मिला है. छपरा पुलिस के अनुसार भी नागेंद्र का कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं है. संभवतः रानीगंज कांड उसका पहला अपराध है. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास ने कहा कि नागेंद्र की पूरी जानकारी जुटायी जा रही है. सोनू सिंह के अलावा इस कांड में शामिल अन्य कुछ बदमाश नागेंद्र के आसपास इलाकों में ही रहते हैं. इनमें कोई कनेक्शन है, जिसके कारण इस कांड में नागेंद्र शामिल हुआ. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. गौरतलब है कि गत नौ जून को रानीगंज में स्थित सेनको गोल्ड एंड डायमंड शोरूम में डाका पड़ा. सात की संख्या में शामिल बदमाशों ने इस कांड को अंजाम दिया. डकैती के दौरान ही श्रीपुर पुलिस फांड़ी के प्रभारी मेघनाद मंडल द्वारा फायरिंग करने से बदमाश अपनी योजना में पूरी तरह सफल नहीं हुए. डकैतों ने चार करोड़ रुपये मूल्य के सोने और हीरे के जेवरात लूटे थे, लेकिन सिर्फ 1.83 करोड़ रुपये मूल्य के ही जेवरात ले जाने में सफल रहे. जेवरातों से भरे दो बैग यहीं छूट गये. मुख्य सरगना सीवान के सोनू सिंह को गोली लग गयी.यहां से भागने के क्रम में सात बदमाश चार और तीन की दो टुकड़ियों दो में बंट गये. चार बदमाशों वाली टीम ने आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र में मोहिशिला इलाके में एक कार लूटी और कार मालिक को गोली मारी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया. कार लेकर भागे चार बदमाशों में दो सोनू सिंह और गोपालगंज (बिहार) का सूरज कुमार सिंह को गिरिडीह (झारखंड) के सरिया थाने इलाके में स्थानीय पुलिस ने पकड़ लिया. उसकी निशानदेही पर अंडाल थाना क्षेत्र इलाके से इनके एक लिंकमैन फल विक्रेता, शशिकांत माली को पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार को अदालत में पेश किया. रविवार को ही सीवान से नागेंद्र की भी गिरफ्तारी हुई.
फेंक दिया था मोबाइल, टावर लोकेशन से हुआ गिरफ्तार
कांड में गिरफ्तार सोनू और सूरज ने पुलिस को अपने सारे साथियों की पूरी जानकारी बता दी है. इसी के आधार पर एडीपीसी पुलिस की कई टीमें विभिन्न इलाकों में बाकी बचे बदमाशों की तलाश कर रही है. सूत्रों के अनुसार कांड के बाद नागेंद्र ने अपना मोबाइल फोन फेंक दिया था. उसके फोन नंबर के सीडीआर के आधार पर पुलिस ने उसके सारे रिश्तेदारों की पहचान की. रिश्तेदारों के नंबर भी पुलिस ने निगरानी में रखे थे. कांड के बाद नागेंद्र ने शेरही में अपने फूफा के घर में पनाह लिया. कांड के एक सप्ताह बीतने के बाद उसने अपनी फुआ के मोबाइल फोन से अपनी चाची को फोन करके बताया कि वह दरौंदा में अपनी फुआ के घर पर है. पुलिस के लिए बस इतना ही काफी था. पुलिस ने इस फोन कॉल के आधार पर नागेंद्र का पता निकाल लिया. जिसके उपरांत बिहार एसटीएफ, मांजी थाने और दरौंदा थाने की पुलिस को साथ लेकर एडीपीसी पुलिस की टीम शेरही गांव में शनिवार मध्यरात्रि में पहुंच गयी और पूरे गांव को ही घेर लिया. नागेंद्र के फूफा काफी संपन्न हैं, पुलिस का बंदोबस्त देखने के बाद किसी ने कोई विरोध नहीं किया और नागेंद्र 55 ग्राम सोने तथा लूटकांड में उपयोग किये गये बैकपैक के साथ पकड़ा गया. अन्य आरोपियों के भी जल्द पकड़े जाने की संभावना पुलिस ने जतायी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है