कोलकाता.
विधाननगर नगर निगम ने करीब 333 अवैध निर्माणों की पहचान की है. इन आवासों के मालिकों ने कलकत्ता हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उनका आरोप है कि निगम ने दस्तावेजों की जांच किये बिना निर्माण को अवैध घोषित कर दिया है. साथ ही बिना उचित सबूत के मकानों को तोड़ने का नोटिस भी दिया है. इस मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने गुरुवार को कहा कि जिन्हें लग रहा है कि उनका निर्माण वैध है, वे सभी दस्तावेज के साथ विधाननगर नगर निगम के आयुक्त को फिर से आवेदन करेंगे. आयुक्त नये सिरे से इसकी जांच करेंगे.बता दें कि तत्कालीन मेयर सब्यसाची दत्ता ने निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. उस मामले में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने निगम को अवैध निर्माण की पहचान करने का निर्देश दिया था.
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