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मॉब लिंचिंग : दोषी को फांसी या हो सकता है आजीवन कारावास

नये कानून के बारे में लोगों को समझा रही पुलिस

आसनसोल. इलाके में किसी भी अंजान पुरुष या महिला को देखते ही बच्चा चोर समझकर स्थानीय लोग उसपर हमला कर दे रहे हैं. ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी पुलिस के लिए सिरदर्द बन गयी है. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) के सभी थानों की पुलिस इसे लेकर लोगों को जागरूक करने में जुट गयी है. पुलिस आयुक्त सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें. यदि कोई सूचना है या किसी पर कोई शक है तो पुलिस को सूचित करें. पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी. यदि लोग कानून अपने हाथ में लेते हैं तो फिर पुलिस उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करेगी. हाल के दिनों में बच्चा चोर की अफवाह हर इलाके में फैल रही है. इसे लेकर पुलिस लोगों को जागरूक भी कर रही है कि अफवाह पर ध्यान न दें.

गौरतलब है कि गत 17 जून को दुर्गापुर इस्पात नगर इलाके में स्थित तिलक मैदान में तीन बहनें खेल रही थीं. दो लोग बाइक पर आये और तीनों बहनों में से सबसे छोटी दो साल की बच्ची को बाइक पर उठाकर भाग गये. इसे लेकर काफी आंदोलन हुआ. दो दिन बाद बच्ची को जहां से बदमाश उठाकर ले गये थे, वहीं पर लाकर बच्ची को छोड़ दिया. इस घटना के बाद से बच्चा चोर की अफवाह पूरे इलाके में फैल गयी है. हर इलाके में यही चर्चा हो रही है कि इलाके में बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है. इसके बाद किसी भी अंजान पुरुष या महिला को बच्चा चोर के संदेह में लोग उन्हें घेर ले रहे हैं.

मॉब लिंचिंग में अधिकतम फांसी और न्यूनतम आजीवन कारावास की सजा

पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि नये कानून में मॉब लिंचिंग के लिए बीएनएस की धारा 103(2) में अधिकतम फांसी की सजा और न्यूनतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. आइपीसी में मॉब लिंचिंग के लिए कोई धारा नहीं थी. धारा 302 को ही लगा दिया जाता था. बीएनएस में निर्दिष्ट धारा बना दी गयी है. पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है कि कानून को हाथों में न लें. पुलिस सभी को बचाने का प्रयास करती है. पुलिस आम जनता और आरोपी को भी बचाती है. भीड़ अगर किसी व्यक्ति को घेरकर मार देती है तो उसे मारने के एवज में भीड़ में से किसी न किसी को तो सजा भुगतनी होगी. इसलिए मॉब लिंचिंग की घटना से बचें.

केस एक

हीरापुर थाना क्षेत्र के बर्नपुर नर्सिंगबांध इलाके में गुरुवार को एक कचरा चुननेवाले व्यक्ति को बच्चा चोर के संदेह में स्थानीय लोगों ने जमकर पिटाई कर दी. पुलिस को सूचना मिलते ही वह घटनास्थल पर पहुंची और लोगों के चंगुल से कचरा चुननेवाले व्यक्ति को मुक्त कराया और उसका इलाज कराया. जांच में पता चला कि वह अपने ठेले में बैग रखकर गली में कचरा चुन रहा था. इसी दौरान दो बच्चे वहां से गुजर रहे थे. बच्चे डर गये और घर जाकर बताने पर घरवाले पहुंचे. लोगो उसपर बच्चा चोर कहकर बरस पड़े. सभी मिलकर उसे पीटने लगे.

केस दो

कांकसा थाना क्षेत्र में ग्यारह माइल इलाके में एक व्यक्ति की लोगों ने बच्चा चोर समझकर शुक्रवार को जमकर पिटाई कर दी. उसके साथ अन्य तीन व्यक्तियों को भी लोगों ने पीटकर एक कमरे में बंद कर दिया. सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और सभी को वहां से मुक्त कराया. जांच में खुलासा हुआ कि वह व्यक्ति अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए इलामबाजार इलाके से वहां आया था.

केस तीन

आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र अंतर्गत ब्लू फैक्टरी के निकट आदिवासीपाड़ा में गत 12 जुलाई को स्थानीय लोगों ने बच्चा चोर के एक अफवाह के बाद पुलिस वाहन में जमकर तोड़फोड़ की और पथराव किया. किसी को इसकी सच्चाई नहीं पता कि क्या हुआ था? बच्चा चोर की अफवाह फैली और लोग एकत्रित होकर बच्चा चोर को खोजने निकल पड़े. पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची, जिसपर लोग भड़क गये और पुलिस पर ही हमला कर दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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