चुनाव बाद हिंसा : भाजपा प्रतिनिधिमंडल का बंगाल सरकार पर हमला
कोलकाता. राज्य में लोकसभा चुनाव के बाद हिंसा की घटनाएं सामने आयी हैं. आरोप है कि चुनाव के बाद से ही भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है. इन घटनाओं के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए फैक्ट फाइडिंग टीम का गठन किया है, जो राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रही है. फैक्ट फाइंडिंग टीम जब दक्षिण 24 परगना जिले के एक गांव में पहुंंची, तो पता चला कि यहां पूरा गांव ही खाली हो गया है. इस पर टीम के सदस्य व पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता डर के कारण गांव में नहीं आ पा रहे हैं. यह कैसा ममता बनर्जी का राज है कि पूरा गांव खाली हो गया है.मंगलवार को केंद्रीय दल ने दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर, जयनगर लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. इसके बाद यह टीम उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली का भी दौरा करने पहुंची. सांसद व त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब, सांसद रवि शंकर प्रसाद, सांसद बृज लाल व सांसद कविता पाटीदार मंगलवार सुबह डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आमतला इलाके में डायमंड हार्बर भाजपा संगठनात्मक जिले के पार्टी कार्यालय में प्रभावित भाजपा कार्यकर्ताओं-समर्थकों से मिलने गये. उनके साथ भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल भी मौजूद थीं. इस मौके पर फैक्ट फाइंडिंग टीम हिंसा से प्रभावितों और बेघरों की बात सुनी. नेताओं ने पीड़ित भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों को हर तरह की मदद का आश्वासन दिया.
ममता ने बंगाल की मिट्टी को खराब किया : बिप्लब
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद बिप्लब कुमार देब ने राज्य में चुनाव बाद हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चेतावनी दी है. बिप्लब देब ने कहा : आप (ममता बनर्जी) सुधर जायें, या हम आपको सुधार देंगे. आपने कम्युनिस्टों के 34 साल लंबे शासन को समाप्त कर दिया, इसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं. लेकिन फिर आपने क्या किया? आपने जो किया, वह कम्युनिस्टों ने नहीं किया. आपने बंगाल की मिट्टी को खराब कर दिया.सीएम व उनकी पुलिस से कोई उम्मीद नहीं : अग्निमित्रा
आसनसोल दक्षिण विधायक और भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि 2021 में विधानसभा चुनावों के बाद जब हिंसा हुई, तो ममता बनर्जी ने नेतृत्व किया. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग यहां आया और उसका मामला अभी भी चल रहा है. कुल 10,000 लोग असम और बिहार भागने को मजबूर हुए थे. वह हिंसा 2024 में फिर से हो रही है. हमें ममता बनर्जी और उनकी पुलिस से कोई उम्मीद नहीं है. हम अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाने के लिए जहां तक संभव होगा जायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है