कारखाने के श्रमिक की मौत, परिजनों ने मुआवजे की मांग पर किया प्रदर्शन

पंजाबी मोड़ इलाके में 30 जून को जेके नगर के जेमेरी इलाके के रहने वाले 55 वर्षीय कुड़ान गोराई नामक एक श्रमिक कारखाने में कार्य करने के दौरान घायल हो गया था. उसपर लकड़ी का एक भारी पट्टा गिर गया था. इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 4, 2024 9:43 PM

रानीगंज.

पंजाबी मोड़ इलाके में 30 जून को जेके नगर के जेमेरी इलाके के रहने वाले 55 वर्षीय कुड़ान गोराई नामक एक श्रमिक कारखाने में कार्य करने के दौरान घायल हो गया था. उसपर लकड़ी का एक भारी पट्टा गिर गया था. इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां एक अन्य अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. घटना के संबंध में उनके बेटे सौरभ गोराई ने कहा कि 30 तारीख को उनके पिता ड्यूटी पर थे ,जब लकड़ी का एक भारी पट्टा उनके कंधे पर गिर गया. फैक्टरी के एक अधिकारी ने अस्पताल ले जाने के नाम पर बेहद बेरुखी से उसके साथ बात की थी. अस्पताल न भेजकर उसे 500 रुपये दिये गये और कहा कि वह खुद अपने पिता को अस्पताल ले जाये. अपने पिता की तकलीफ देखकर सौरभ ने आसनसोल जिला अस्पताल ले जाने की बजाय उन्हें पंजाबी मोड़ इलाके में ही एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. उनके पिता की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल ले जाने के क्रम में उनकी रास्ते में ही मौत हो गयी. सौरभ ने बताया कि उनके पिता ही परिवार में एक मात्र कमाने वाले थे.उसका एक और छोटा भाई है. मां भी है. मृतक के परिवारवालों ने प्रबंधन से मांग की है कि उनके पिता जो ड्यूटी पर घायल हुए थे उनकी मौत के बाद उन्हें पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये.

मृतक की पत्नी रीता गोराई से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि उनके पति 15 वर्षो से अधिक समय से पंजाबी मोड़ के उस कारखाने में काम करते थे. परिजनों ने एक परिजन को नौकरी देने की भी मांग की है. अपनी मांगों के समर्थन में परिजन और मृतक के जानने वाले लोगों ने शव को कारखाना परिसर में रखकर विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि इतनी बड़ी घटना हो जाने के बावजूद कारखाना प्रबंधन की तरफ से उनकी कोई मदद नहीं की जा रही है. वहीं एक स्थानीय निवासी ने बताया कि फैक्टरी प्रबंधन ने मदद के नाम पर केवल 500 रुपये दिये हैं. रानीगंज बोरो चेयरमैन मुज्जमिल शहजादा और स्थानीय पार्षद ज्योति सिंह मौके पर पहुंचे और श्रमिक के परिवार को मुआवजा देने की मांग का समर्थन किया.

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