बीएसएफ के जवानों ने की जवाबी कार्रवाई हमलावरों को बांग्लादेश की ओर खदेड़ा बीएसएफ के लगातार कहने के बावजूद बीजीबी बांग्लादेशी सीमा पर अपराधियों को रोकने के लिए नहीं उठा रहा ठोस कदम संवाददाता, कोलकाता भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के आठ स्थानों पर एक ही दिन बांग्लादेशी तस्करों व घुसपैठियों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों पर जानलेवा हमला किया. हालांकि, बीएसएफ के जवानों ने उनके मंसूबे को नाकाम करते हुए हमलावरों को वापस बांग्लादेश खदेड़ दिया. हमले की घटनाएं उत्तर 24 परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद और मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में हुई. धारदार हथियार लेकर भारतीय सीमा में घुस आये बांग्लादेशी : गत शनिवार की देर रात को बीएसएफ दक्षिण बंगाल सीमांत के अंतर्गत क्षेत्रीय मुख्यालय कोलकाता की सीमा चौकी आमुदिया के जवानों ने उत्तर 24 परगना में भारत बांग्लादेश सीमा पर 15 लोगों की संदिग्ध गतिविधि देखी, जो बांग्लादेश से भारतीय सीमा में घुस आये थे. ऐसा देखते ही एडहॉक बटालियन एसबी-1 के जवानों ने तुरंत साथी जवानों को रेडियो सेट के जरिये सतर्क किया और घुसपैठियों को पकड़ने के लिए क्रॉसवे के जरिये उनकी की तरफ भागे. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खेत में छिपे चार घुसपैठियों ने एक जवान को घेरकर हमला कर दिया और उसे जान से मारने की कोशिश की. उनके हाथ में धारदार हथियार थे. आत्मरक्षा के लिए बीएसएफ के जवान ने उनपर एक स्टन ग्रेनेड फेंका. हालांकि, घुसपैठियों और आक्रामक हो गये और उन्होंने हमला कर दिया. ऐसे में उक्त जवान ने एक राउंड फायरिंग की. इधर, बीएसएफ के अन्य जवान भी वहां पहुंचे और घुसपैठियों को वापस बांग्लादेश में लौटने को मजबूर होना पड़ा. बीएसएफ की फायरिंग में किसी भी घुसपैठिये के घायल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. बीएसएफ के जवानों ने सीमावर्ती क्षेत्र से मवेशी फेंसिडील व अन्य प्रतिबंधित सामान किया जब्त उत्तर 34 परगना के अलावा, शनिवार देर रात ही नदिया में क्षेत्रीय मुख्यालय कृष्णनगर की 68वीं बटालियन की सीमा चौकी मधुपुर व 32वीं बटालियन की सीमा चौकियों मलुआपाड़ा, हालदारपाड़ा, बानपुर व मैटियारी में भी ऐसी घुसपैठ की कोशिश और हमले की घटना हुई. वहीं, मुर्शिदाबाद में क्षेत्रीय मुख्यालय बहरमपुर की 73वीं बटालियन की सीमा चौकी चरमराशी व मालदा में क्षेत्रीय मुख्यालय की 70वीं बटालियन की सीमा चौकी सासनी में भी जवानों पर मवेशी तस्करों व घुसपैठियों द्वारा ऐसे घातक हमले हुए हैं, जहां जवानों ने आत्मरक्षा में मवेशी तस्करों व अवैध घुसपैठियों पर स्टन ग्रेनेड, पंप एक्शन गन (पीएजी) और अन्य हथियारों से फायरिंग की और तस्करी व अवैध घुसपैठ की घटनाओं को विफल कर दिया. सीमावर्ती इलाकों से चार मवेशी, 716 फेंसिडील की बोतलें (नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रतिबंधित कफ सिरप) व अन्य प्रतिबंधित सामान जब्त भी किये. बीजीबी के समक्ष बीएसएफ ने जताया विरोध भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के अलग-अलग स्थानों पर बांग्लादेशी घुसपैठियों व तस्करों के हमले को लेकर बीएसएफ के अधिकारियों ने बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) अधिकारियों के साथ बैठक की और घटना को लेकर विरोध दर्ज कराया. बीजीबी को बांग्लादेश सीमा की ओर से हमले की घटनाओं को रोकने के लिए सटीक कदम उठाने को भी कहा गया है. इधर, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हुए हमले और गोलीबारी के संबंध में संबंधित पुलिस थानों में प्राथमिक रिपोर्ट भी दर्ज करायी गयी है. क्या कहना है बीएसएफ अधिकारी का बीएसएफ, दक्षिण बंगाल सीमांत के डीआइजी एके आर्य ने कहा : हमारे (बीएसएफ के) कर्तव्य पथ पर ऐसी घटनाएं असामान्य नहीं हैं. बीएसएफ के जवान असाधारण साहस और सतर्कता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं. बांग्लादेशी अपराधियों द्वारा लगातार हमलों और अवैध घुसपैठ के बारे में उन्हें सचेत करने के लिए बीजीबी के साथ लगातार फ्लैग मीटिंग के बावजूद, उनके द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं जा रही है. इस निष्क्रियता ने तस्करों और अपराधियों के हौसले बुलंद कर दिये हैं.
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