मुख्य न्यायाधीशों के तौर पर कार्यभार संभालने के लिए न्यायाधीश कर रहे हैं 2,000 किमी की सड़क यात्रा
दो न्यायाधीशों ने देश के विभिन्न हिस्सों में उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के तौर पर प्रभार संभालने के लिए दो-दो हजार किलोमीटर से अधिक दूरी की सड़क यात्रा आरम्भ की है.
कोलकाता : कोविड-19 संक्रमण के कारण हवाई एवं रेल यात्री सेवाएं निलंबित होने की वजह से दो न्यायाधीशों ने देश के विभिन्न हिस्सों में उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के तौर पर प्रभार संभालने के लिए दो-दो हजार किलोमीटर से अधिक दूरी की सड़क यात्रा आरम्भ की है. इन न्यायाधीशों को उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के तौर पर हाल में पदोन्नत किया गया है. उन्होंने देशव्यापी बंद के बीच सड़क से इतनी लंबी यात्रा आरंभ की ताकि मामलों की सुनवाई और न्याय देने के कार्यों में देरी न होने पाए.
सूत्रों ने बताया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों के रूप में कार्यभार संभालना है. वह और उनका बेटा मुंबई तक की लंबी दूरी तय करने के लिए बारी-बारी से कार चला रहे हैं. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विश्वनाथ समद्दर को मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया है, वह कोलकाता से शिलॉन्ग कार से जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि इलाहाबाद स्थानांतरित किए जाने से पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दे चुके न्यायमूर्ति समद्दर शुक्रवार शाम को अपनी पत्नी के साथ एक आधिकारिक कार से शिलॉन्ग के लिए रवाना हुए.
उनके साथ एक कार चालक है. वह और कार चालक बारी-बारी से कार चला रहे हैं. न्यायमूर्ति समद्दर शनिवार दोपहर को इलाहाबाद से कोलकाता पहुंचे और यहां अपने ‘साल्ट लेक’ निवास में कुछ घंटे विश्राम करने के बाद शाम को शिलॉन्ग रवाना हो गए. उनके रविवार दोपहर तक शिलॉन्ग पहुंचने की उम्मीद है. न्यायमूर्ति दत्ता शनिवार सुबह कोलकाता से मुंबई रवाना हुए और उनके सोमवार दोपहर तक मुंबई पहुंचने की उम्मीद है. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति दत्ता और न्यायमूर्ति समद्दर को बृहस्पतिवार को पदोन्नत किया था.