मणिपुर में शहीद हुए बांकुड़ा के अरूप सैनी के पार्थिव शरीर का किया गया अंतिम संस्कार
रविवार को 128 बटालियन सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल शहीद अरूप सैनी का उनके पैतृक गांव पांचाल, थाना सोनामुखी में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया
बांकुड़ा. रविवार को 128 बटालियन सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल शहीद अरूप सैनी का उनके पैतृक गांव पांचाल, थाना सोनामुखी में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. पुलिस बल की परंपरा के अनुसार गन सैल्युट के साथ उनकी अंतेष्टि की गयी. इस मौके पर पुलिस उप महानिरीक्षक सहित सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जिन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की. बांकुड़ा पुलिस की ओर से एसपी बांकुड़ा वैभव तिवारी, एडिशनल एसपी ऑपरेशंस मकसूद हसन और अन्य ने श्रद्धांजलि अर्पित की. बांकुड़ा जिला पुलिस की ओर से शहीद अरूप सैनी की बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हुए कहा गया है कि जिन्होंने राष्ट्र के लिए कर्तव्य निभाते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया. हम इस कठिन समय में शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुटता से खड़े हैं और उनका समर्थन करते हैं. शहीद वीर के पार्थिव शरीर के पांचाल पहुंचने पर एक पल देखने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा. पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले सोनामुखी के विधायक दीवाकर घरामी से लेकर तृणमूल नेत्री सुजाता मंडल समेत अन्य विशिष्ट लोगों ने एक-एक करके वीर सपूत को श्रद्धांजलि दी. गौरतलब है कि शुक्रवार की मध्य रात्रि में मणिपुर में उग्रवादियों ने सीआरपीएफ के कैंप पर अचानक हमला कर दिया था, उस हमले में दो जवान शहीद हो गये थे, जिनमें बांकुड़ा के अरूप सैनी भी शामिल थे. इस मौके पर उनके छोटे भाई धनंजय सैनी ने बताया कि 2004 में उन्होंने नौकरी ज्वाइन की थी. जगह-जगह उनकी पोस्टिंग हुई, इस बार वह मणिपुर में तैनात थे, जहां उग्रवादियों ने हमला कर दिया. हमला करने के बाद घायल हालत में उन्होंने मुझे फोन किया था और कहा था कि भाई मेरे पेट में गोली लगी है, मेरा पैर भी बम से छलनी कर दिया गया है. मैं नहीं बचूंगा.
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