तृणमूल के घोषणा पत्र में कुड़मी की मांगों का समर्थन, भड़के आदिवासी संगठन
तृणमूल कांग्रेस ने अपने घोषणा- पत्र में महतो संप्रदाय को एसटी का दर्जा दिलाने को केंद्र सरकार से मजबूती से सिफारिश करने की बात कही
पुरुलिया.
कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सूची में शामिल करने को लेकर कुड़मी समाज बीते कई वर्षों से लगातार आंदोलन कर रहा है. राज्य के पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम जैसे जिलों में आंदोलन वृहद रहा है. लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले इस जाति के बड़े वोटबैंक को साधने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने अपने घोषणा- पत्र में महतो संप्रदाय को एसटी का दर्जा दिलाने को केंद्र सरकार से मजबूती से सिफारिश करने की बात कही है. इस घोषणा-पत्र के शीर्षक ‘अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति आइये मिल कर आगे बढ़ें’ के तहत 74 नंबर पन्ने पर पार्टी ने साफ लिखा है : टीएमसी सरकार भारत सरकार के साथ सक्रियता के साथ महतो संप्रदाय को अनुसूचित जनजाति के दर्जा देने के लिए कार्य करेगी. तृणमूल का घोषणा-पत्र जारी होते ही इसका आदिवासी संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं. एक ओर आदिवासी कुड़मी समाज के मुखिया अजीत प्रसाद महतो कुड़मी जाति को एसटी सूची में शामिल करने के लिए लगातार आंदोलन किया रेल रोको से सड़क रोको कोलकाता से दिल्ली अभियान भी उन्होंने किया. अब अपने इसी मांग को लेकर वह पुरुलिया लोकसभा से चुनाव भी लड़ रहे हैं. उन्होंने तृणमूल की घोषणा-पत्र को लेकर कहा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस द्वारा कुड़मी संप्रदाय के लोगों को प्रलोभन दिया जा रहा है क्योंकि वह लोग जानते हैं इस लोकसभा क्षेत्र में 28% से अधिक मतदाता कुड़मी समाज से आते हैं और इस वोट बैंक पर कब्जा करने के लिए घोषणा पत्र में एक लाइन लिख दिया गया है यह बात 2021 में हम लोगों ने मुख्यमंत्री को कहा था उसी दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को हमारे मांग के समर्थन में पत्र लिखे थे पर केंद्र सरकार द्वारा इस विषय में सीआरआइ रिपोर्ट पर फर्दर कमेंट एंड जस्टिफिकेशन रिपोर्ट मांगी थी, जो आज तक राज्य सरकार ने सही ढंग से नहीं भेजा, जिससे हमारी जाति अनुसूचित जनजाति की मान्यता से वंचित है. तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार शांतिराम महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य सरकार के वक्तव्य पहले ही स्पष्ट कर चुकी है जिसके तहत पहले ही इस जाति को लेकर भौगोलिक तौर पर समीक्षा होने की बात उन्होंने पहले ही कही है अब उन्होंने इन सभी को लेकर घोषणा पत्र में तृणमूल कांग्रेस का पहल स्पष्ट कर दिया है. भाजपा उम्मीदवार ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा हम लोगों ने बार-बार एक ही बात कही थी राज्य के तृणमूल सरकार के सही इच्छा नहीं होने कारण कुड़मी जाति के लोगों के मांग पूरी नहीं हो रही है केंद्र सरकार ने इस पर पहले ही पहल कर दिया है पर सिआरआइ रिपोर्ट के फर्दर जस्टिफिकेशन आज तक राज्य सरकार केंद्र को नहीं भेजा है. इस घोषणा पत्र में कुड़मी जाति को लेकर तृणमूल कांग्रेस के दोहरे नीति सभी के सामने प्रकट हो चुकी है लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस कुड़मी जाति के लोगों को एक बार फिर से बेवकूफ बनाने का कार्य कर रही है पर तृणमूल कांग्रेस के इस मंसूबे को सभी लोग जान चुके हैं. इसका तीव्र विरोधीता करते हुए यूनाइटेड फॉर्म ऑफ आदिवासी ऑर्गनाइजेशन के राज्य कमेटी के संयोजक तथा भारत जकात माझी परगना महाल के पुरुलिया परगना रतनलाल हांसदा ने कहा तृणमूल कांग्रेस के घोषणा पत्र में जो महतो संप्रदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति बनाने के लिए अपना समर्थन प्रदान किया है इसका हम लोग तीव्र विरोध करते हैं उन्होंने कहा राज्य सरकार बिना सी आर आई रिपोर्ट के आधार पर यह कार्य कर ही नहीं सकती है तृणमूल कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में जो समर्थन की बात कही है यह पूरी तरह से गलत है. महतो संप्रदाय के लोग लंबे समय से ओबीसी के तालिका में शामिल है. किस तरह से एवं कौन-कौन नियम से उन्हें अनुसूचित जनजाति के तालिका में शामिल किए जाने की बात कही जा रही है यह ही एक अपने आप में सबसे बड़ा सवाल है. आदिवासी संप्रदाय के लोग घोषणा पत्र में शामिल इस बात का तीव्र विरोध कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है