Loading election data...

आलू की कीमत थी “35 किलो, आज भी वही

छह दिनों से आलू के निर्यात पर लगी है रोक, खुदरा बाजार में लोगों को अब भी राहत नहीं

By Prabhat Khabar News Desk | July 27, 2024 12:39 AM

आसनसोल. सब्जी की बढ़ी कीमतों पर अंकुश लगाने और इसे नियंत्रित रखने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू किये गये प्रयास के बाद जिलाधिकारी को भी सब्जी बाजारों का दौरा करना पड़ रहा है. दूसरे राज्यों में आलू के निर्यात पर रोक लगने से कोल्ड स्टोरेज मालिकों और ट्रेडर्स के हड़ताल से उत्पन्न समस्या का समाधान तो फिलहाल हो गया है लेकिन आलू की कीमत में कोई कमी नहीं आयी है. 19 जुलाई से दूसरे राज्यों में आलू भेजने पर रोक लगाने से पहले खुदरा बाजार में ज्योति आलू की अधिकतम कीमत 35 रुपये किलो थी और छह दिनों तक उथल-पुथल मचने के बाद भी कीमत 35 रुपये प्रति किलो पर ही अटकी हुई है.

इस बीच हड़ताल के कारण इसकी कीमत 45 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी थी. जिसे लेकर प्रशासन की परेशानी चरम पर थी. आनन-फानन में प्रशासन ने थोक कारोबारियों को आलू मुहैया कराने का काम शुरू किया. इस बीच हड़ताल समाप्त होने से आलू तो बाजारों के उपलब्ध हो गया लेकिन कीमत में कोई कमी नहीं आयी है.

आसनसोल में आलू के एक बड़े थोक कारोबारी ने कहा कि ‘खाया पिया कुछ नहीं ग्लास तोड़ा बारह आना’ की कहावत इस मौके पर सही है. कीमत जो थी वही है. यूं भी भादो (अगस्त) से झारखंड से नया आलू बाजार में आने से कीमत खुद गिर जायेगी. उसके बाद अक्तूबर में पंजाब और यूपी का नया आलू, फिर जनवरी में बंगाल का नया आलू आ जायेगा. कीमत ऐसे ही गिर जायेगी. यह एक माह तक कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी होती है. इस कीमत को कम करने को लेकर जिस तरह से हड़कंप मचाया गया उससे पूरा संतुलन बिगड़ गया है. जिलाधिकारी एस. पोन्नमबालम ने अपनी टीम के साथ गुरुवार रात को आसनसोल सब्जी बाजार का दौरा किया. टीम में आसनसोल सदर के महकमा शासक विश्वजीत भट्टाचार्य, पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास सहित कई अधिकारी शामिल रहे. बाजार में आलू से लेकर सभी सब्जियों के कीमतों जांच की जांच की गयी. श्री पोन्नमबालम ने कहा कि आम जनता की सहूलियत के लिए ही बाजारों पर निगरानी की जा रही है. स्थिति सामान्य है, आगामी कुछ दिनों में इसका बेहतर असर देखने को मिलेगा.

बीज और चिप्स कारखानों का आलू ही छोड़ा जा रहा है बॉर्डर पर

बंगाल बॉर्डर पर पुलिस की निगरानी काफी तेज है. आलू की कोई गाड़ी बॉर्डर पार नहीं जा पा रही. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके पास निर्देश है कि बीज का आलू और चिप्स बनाने के लिए विभिन्न प्लांटों में जा रहे आलू की सही तरीके से कागजात की जांच के बाद बॉर्डर पार करने दिया जाये. लोगों के उपयोग के लिए बाजार में बिकनेवाले आलू को दूसरे राज्य में नहीं जाने दिया जाये. इसी आदेश के तहत शुक्रवार को भी बंगाल बॉर्डर पर जांच अभियान जारी रहा.

आसनसोल बाजार में 125 टन आलू की खपत होती प्रतिदिन

आसनसोल बाजार में आलू के थोक कारोबारी ने बताया कि प्रतिदिन 125 टन आलू की खपत आसनसोल थोक मंडी में होती है. यहां से आलू आसनसोल बाजार के अलावा, बाराबनी, बर्नपुर, जेके नगर, डामरा आदि इलाकों में जाता है. अन्य इलाकों में भी मंडियां हैं जहां सीधे माल आता है. आसनसोल से सीमावर्ती राज्य झारखंड में भी आलू भेजा जाता है. जो फिलहाल बंद है.

कोल्ड स्टोरेज मालिकों को हो रहा फायदा

आलू को लेकर प्रशासन की सख्ती से कोल्ड स्टोरेज मालिक और ट्रेडरों को भारी मुनाफा हुआ है. थोक कारोबारी ने बताया कि गढ़ आलू की अच्छी कीमत कोल्डस्टोरेज मालिक और ट्रेडरों को मिल रही है. जिसकी वर्तमान कीमत 22 रुपये किलो के हिसाब से थी, उसकी कीमत 26 रुपये पहुंच गयी है. बेस्ट आलू की कीमत 26 से 29 रुपये तक पहुंच गयी है. थोक व्यापारियों को 20 से 25 रुपया प्रति बोरा आलू पर मिलता था, वही मिल रहा है.

बंगाल से आलू का निर्यात रोक देने से देश में उत्पन्न हो गयी है आलू की समस्या : आलू के थोक कारोबारी ने बताया कि आलू उत्पादन में पूरे देश में पश्चिम बंगाल अग्रणी भूमिका निभा रहा है. बंगाल से आलू का भारी पैमाने पर निर्यात होता है. यहां से आलू आसाम, झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, तेलेंगाना, तमिलनाडु आदि राज्यों में पहुंचता है. बंगाल सरकार ने आलू के निर्यात पर रोक लगा देने से उन राज्यों में आलू का संकट उत्पन्न हो गया है. आलू उत्पादन में उत्तर प्रदेश और पंजाब भी अव्वल है. फिलहाल यहीं से सभी राज्यों की जरूरत को पूरा किया जा रहा है. जिसके कारण कीमत में उछाल आया हुआ है.

यूपी से बुक किया हुआ आलू नहीं पहुंचा आसनसोल, चंपारण में हो गया खाली

बंगाल में कोल्डस्टोरेज में हड़ताल के कारण उत्पन्न हुई आलू की समस्या को समाप्त करने को लेकर जामुड़िया इलाके के आलू के थोक कारोबारी ने यूपी से 30 टन आलू का ट्रक बुक किया था. यह ट्रक बंगाल नहीं पहुंचा. यूपी से आनेवाला कोई भी आलू बंगाल में आने से पहले झारखंड में ही रोककर खाली करवा लिया जा रहा है. यह खबर सभी राज्यों में फैल चुकी है. इस खबर के कारण यूपी से चला आलू चंपारण में खाली कर दिया गया. कारोबारी को वहां कीमत बेहतर मिल गयी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version