जमीन मालिकों ने एमडीओ प्रोजेक्ट को बंद कर रखीं अपनी मांगें
जमीन मालिकों ने फिर से एक बार एमडीओ प्रोजेक्ट को बंद कर परसिया कोलियरी प्रबंधन के सामने अपनी मांगें रखीं. उल्लेखनयी है कि पिछले कई दिनों से प्रोजेक्ट में किसी प्रकार का कोई काम नहीं हो रहा है. बुधवार से ही जमीन मालिकों ने फिर से एमडीओ प्रोजेक्ट को बंद कर दिया. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के लोगों से जमीन ली गयी है लेकिन स्थानीय लोगों को इस प्रोजेक्ट में काम नहीं दिया गया है.
जामुड़िया.
जमीन मालिकों ने फिर से एक बार एमडीओ प्रोजेक्ट को बंद कर परसिया कोलियरी प्रबंधन के सामने अपनी मांगें रखीं. उल्लेखनयी है कि पिछले कई दिनों से प्रोजेक्ट में किसी प्रकार का कोई काम नहीं हो रहा है. बुधवार से ही जमीन मालिकों ने फिर से एमडीओ प्रोजेक्ट को बंद कर दिया. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के लोगों से जमीन ली गयी है लेकिन स्थानीय लोगों को इस प्रोजेक्ट में काम नहीं दिया गया है. इस एमडीओ प्रोजेक्ट को चलाने वाले बाहर से लोगों को लाकर उन्हें यहां पर रोजगार दे रहे हैं. जबकि स्थानीय युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है. इस बारे में प्रबंधन से कई बार बातचीत की गयी है लेकिन प्रबंधन उनकी मांगों को लेकर टालमटोल कर रहा है. उनका कहना है कि जब यहां के लोगों से जमीन ली गयी है तो इस प्रोजेक्ट में स्थानीय युवाओं को नौकरी देने में प्राथमिकता देनी चाहिए. जबकि ऐसा नहीं किया जा रहा है और स्थानीय लोगों से बात किये बिना बाहर से लोगों को लाकर यहां पर काम पर रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि यहां पर ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी जमीन इसीएल प्रबंधन ने ली है. ऐसे में उनके घर के युवाओं को यहां पर रोजगार क्यों नहीं मिलेगा. दूसरी तरफ इस प्रोजेक्ट को चलाने वाली कंपनी द्वारा यहां पर रहने वाले लोगों को सीएसआर के तहत सुविधाएं भी प्रदान नहीं की जा रही हैं. चाहे वह बिजली हो या रास्ता या कम्युनिटी हॉल. यहां पर एमडीओ को चलाने वाली कंपनी द्वारा कुछ भी नहीं किया जा रहा है. इसके खिलाफ भी स्थानीय लोगों ने आवाज बुलंद की. उनका साफ कहना है कि वे इस प्रोजेक्ट के चलने के खिलाफ नहीं है, लेकिन वह चाहते हैं कि यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो सके. इनका कहना है कि इस बारे में इस प्रोजेक्ट के तत्कालीन जनरल मैनेजर अनिल कुमार सिंह, जामुड़िया थाने के प्रभारी और जामुड़िया के विधायक हरे राम सिंह से भी बातचीत की गयी है लेकिन अभी तक कोई सार्थक पहल नहीं हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है