आइएसपी, डीएसपी और बीएसपी के आधुनिकीकरण की परियोजना को मिली मंजूरी
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने दुर्गापुर स्टील प्लांट, इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट और बोकारो स्टील प्लांट के लिए बड़ी प्लानिंग के संबंध में बताया है.
बर्नपुर . स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने दुर्गापुर स्टील प्लांट, इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट और बोकारो स्टील प्लांट के लिए बड़ी प्लानिंग के संबंध में बताया है. कंपनी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कैपेक्स प्लान का जिक्र किया है, जिसे स्वीकृति मिल चुकी है. इससे इस्पात उत्पादन में तेजी आयेगी. चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि 1,00,000 करोड़ की पूंजीगत व्यय योजनाओं (कैपेक्स प्लान) को अप्रूवल मिल चुका है. ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड के तहत काम किया जायेगा. एक लाख करोड़ रुपए के लिए बोर्ड और मंत्रालय से मंजूरी मिल चुकी है. जल्द ही दोनों प्लांट्स में काम शुरू किया जायेगा. इससे क्षमता में लगभग 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. साथ ही 2030 तक 35 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) उत्पादन की तरफ कदम बढ़ाया जा सकेगा. चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश के मुताबिक विस्तृत डीकार्बोनाइजेशन योजना पर भी काम किया जा रहा है. इससे कार्बन उत्सर्जन की मात्रा कम होगी. वित्तीय वर्ष 2024 (वितीय वर्ष 2024) के लिए (सेल) का पूंजीगत व्यय 5,500-6,000 करोड़ के दायरे में आंका गया था और इसमें वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि यह अधिक क्षमता विस्तार पर विचार कर रहा है. सेल बोर्ड ने पश्चिम बंगाल में इस्को स्टील प्लांट (आईएसपी) की क्षमता चार एमटीपीए तक बढ़ाने के लिए ग्रीनफील्ड विस्तार योजना को पहले ही मंजूरी दे दी है. मिल ऑयल और गैस क्षेत्र के लिए उच्च ग्रेड हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) और अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट (एपीआइ) ग्रेड स्टील उत्पादों और ऑटोमोटिव घटकों को बनाने के लिए स्टील का उत्पादन करेगी. नयी मिल के लगभग चार साल में पूरा होने की उम्मीद है. इस्को की वर्तमान क्षमता प्रति वर्ष 2.6 एमटीपीए कच्चे इस्पात की है, इसका 85 प्रतिशत हिस्सा सरिया, वायर रॉड और हैवी स्ट्रक्चरल प्रोडक्ट में इस्तेमाल होता है.
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