दोस्ती के बहाने बनाते थे लूट का शिकार, ””गे गैंग”” के तीन सदस्य अरेस्ट

एप व वेबसाइट के जरिये लोगों से दोस्ती करने के बाद उन्हें ठिकाने पर बुलाकर लूटपाट करने वाले 'गे गैंग' के तीन सदस्यों को करया थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरोह से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने करया थाने में शिकायत की थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर 'गे गैंग' के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2024 11:23 PM

कोलकाता.

एप व वेबसाइट के जरिये लोगों से दोस्ती करने के बाद उन्हें ठिकाने पर बुलाकर लूटपाट करने वाले ””गे गैंग”” के तीन सदस्यों को करया थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरोह से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने करया थाने में शिकायत की थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर ””गे गैंग”” के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक गैंग के सदस्य एक खास एप के जरिये लोगों को अपने जाल में फांसते थे. एप में आमतौर पर समलैंगिक और ट्रांसजेंडर ही आपस में संवाद करते हैं. शिकायतकर्ता ने एप पर जाकर कुछ युवकों से दोस्ती करने के लिए सर्च किया.

इस बीच, उसकी तीन लोगों से दोस्ती हुई. तीनों ने मिलने के लिए पीड़ित को करया इलाके में एक गुप्त ठिकाने पर बुलाया. जब वह उस घर में गया, तो वहां तीन लोग मिले. वे उसे एक कमरे में ले गये. कुछ देर बाद उन्होंने उसे बंद कमरे में पीटना शुरू कर दिया. उसके पास से सोने की अंगूठी समेत अन्य सामान भी लूट लिये. उन्होंने पीड़ित से कई हजार रुपये भी लूट लिये.

इसके बाद तीनों ने और पैसे की मांग की. युवक के पास पैसे नहीं होने पर वे फिर उसे पीटने लगे. इसके बाद बदमाशों ने एटीएम में जाकर उसके बैंक अकाउंट से 65 हजार रुपये भी निकाल लिये. लूटपाट के बाद युवक को पीट कर वहां से निकाल दिया गया.

बाद में पीड़ित ने करया थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने जिस मोबाइल नंबर से उससे संपर्क किया गया था, उसके आधार पर जांच शुरू की. इसके बाद करया थाने की पुलिस ने पहले तिलजला इलाके से दो लोगों को, फिर करया से एक आरोपी को गिरफ्तार किया. इनके पास से 43 हजार रुपये बरामद किये गये. पुलिस बाकी रकम और सोने की अंगूठी बरामद करने का प्रयास कर रही है.

गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि यह गिरोह करया और बेनियापुकुर में डकैती और लूटपाट के लिए जाल बिछाता है. लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए गिरोह विशेष एप और वेबसाइटों की मदद लेता है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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