सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देब को घेर कर वामो का प्रदर्शन कोलकाता. सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में पानी के लिए लोगों में हाहाकार मचा हुआ है. गुरुवार को निगम के मेयर गौतम देब के वाहन को घेर कर वाममोर्चा समर्थकों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान चोर-चोर के नारे भी लगाये गये. बाद में दूसरी गाड़ी से मेयर व डिप्टी मेयर को इलाका छोड़ने के लिए बाध्य होना पड़ा. बुधवार को मेयर गौतम देब ने घोषणा की थी कि निगम की ओर से जो जलापूर्ति की जा रही है, वह पीने योग्य नहीं है. अगले आदेश तक पानी नहीं पीने को कहा गया था. इसके बाद से पानी के लिए होड़ मच गयी. निगम द्वारा पानी की टंकी भेजे जाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ. पूर्व मेयर अशोक भट्टाचार्य के नेतृत्व में वाम समर्थकों ने सड़क पर उतर कर विरोध जताया. अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि पानी को लेकर वह राजनीति करने नहीं आये हैं. लोगों को प्रदूषित पानी दिया गया है. यह एक अपराध है. उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज क्यों नहीं होना चाहिए. निगम का संचालन करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है. इस मुद्दे पर वाममोर्चा का आंदोलन जारी रहेगा. जलसंकट दूर करने को राज्य सचिवालय तत्पर कोलकाता. सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में पेयजल संकट दूर करने के लिए अब राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ तत्पर हो गया है. सिलीगुड़ी के लोगों तक पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से मोबाइल ट्रीटमेंट यूनिट (एमटीयू) वाहन मुहैया कराये गये हैं. जब तक शहर में पेयजल आपूर्ति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक ये वाहन वहां मौजूद रहेंगे. राज्य सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, परिस्थिति के मुकाबले के लिए सिलीगुड़ी में एमटीयू भेजी गयी हैं. उक्त वाहन में लगे उपकरणों के जरिये वहां विभिन्न क्षेत्रों में स्थित तालाबों के पानी को पीने योग्य बनाया जा रहा है. फिलहाल एक वाहन भेजा गया है. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अनुसार, विभाग के नॉर्दर्न जोन में और दो एमटीयू हैं, जिन्हें सिलीगुड़ी भेजा जा रहा है. राज्य सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, मालदा व कूचबिहार से दो एमटीयू वाहनों को अगले कुछ दिनाें तक सिलीगुड़ी भेज दिया जायेगा. प्रत्येक एमटीयू वाहन से रोजाना डेढ़ लाख पाउच पानी का उत्पादन किया जा सकता है. वहां तीन वाहन उपलब्ध होने से रोजाना कम से कम साढ़े चार लाख पाउच पानी का उत्पादन होगा. उम्मीद है कि इससे सिलीगुड़ी वासियों की पेयजल की समस्या का काफी हद तक समाधान होगा.
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