जामुड़िया.
शिल्पांचल में अवैध कोयला के कारोबार पर सीआइएसएफ की एक के बाद एक कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है. कुछ माह पहले आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र में स्थित एक कोयला डिपो में सीआइएसएफ की कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया. शुक्रवार रात को भी सीआइएसएफ की टीम ने जामुड़िया थाना क्षेत्र के चुरुलिया फांडी अंतर्गत माधवपुर इलाके में स्थित ब्लैक स्टोन और कोल क्रसिंग करनेवाली संस्था मां तारा इन्टरप्राइसे के परिसर में छापेमारी की. शुक्रवार रात साढ़े बारह बजे से शनिवार दोपहर साढ़े बारह बजे तक चली इस यह छापेमारी सीआइएसएफ की सबसे बड़ी छापेमारियों में से एक रही. इसका नेतृत्व भी सीआइएसएफ कोलकाता की टीम ने किया. इस छापेमारी में 200 टन अवैध कोयला के साथ आठ ट्रक जिसमें तीन ट्रकों में 25-25 टन करके कोयला लोड था, बाकी सारे ट्रक खाली थे. तीन ट्रैक्टर जिसमें एक खाली और दो में पांच टन कोयला था और तीन जेसीबी मशीन जब्त किया गया. सीआइएसएफ श्रीपुर कैंप के प्रभारी पिंटू कर्मकार ने कारखाना के मालिक, सभी ट्रक, ट्रैक्टर और जेसीबी के मालिक और चालकों तथा इस कारोबार से जुड़े अन्य लोगों को आरोपी बनाकर जामुड़िया थाने में शिकायत दर्ज की है. उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उद्योग के मालिक को कानून और कानून लागू करनेवाली एजेंसियों का कोई डर नहीं है. चुनाव के पूर्व सीआइएसएफ की इस कार्रवाई से अनेक लोगों की परेशानियां बढ़ गयी हैं.गौरतलब है कि शिल्पांचल में अवैध कोयला का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. समय-समय पर इसका खुलासा हो रहा है. इसके बावजूद भी इस अवैध कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ा है. कुछ दिनों पूर्व आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के डामरा जंगल में अवैध कोयला खदानों को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन किया. यहां से प्रतिमाह पांच से सात करोड़ रुपये का अवैध कोयला का खनन होता था. सीआइएसएफ कोलकाता की टीम ने आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र में छापेमारी कर भारी मात्रा में अवैध कोयला के जब्त किया था. कोयला प्रभावित सभी थाना क्षेत्रों में हर दिन ही अवैध कोयला लदा ट्रक, ट्रैक्टर, बाइक, पिकअप आदि का पकड़ा जाना आम है. शुकवार रात को सीआइएसएफ की इस कार्रवाई से सिंडिकेट राज का खुलासा हुआ है. बिना किसी सपोर्ट के कोई भी व्यवसायी इतने बड़े पैमाने पर अवैध कोयला का कारोबार नहीं कर सकता है.
कैसे हुई कार्रवाई, झेलना पड़ा स्थानीय लोगों का विरोध
श्रीपुर एरिया सीआइएसएफ के प्रभारी श्री कर्मकार ने अपनी शिकायत में लिखा कि शुक्रवार रात को उनकी टीम गश्त पर थी. टीम ने दो कोयला लदे ट्रैक्टरों को आते देखा. संदेह होने पर टीम के सदस्यों ने उसे रोकने को कहा. वह नहीं रुका और भागने लगा. टीम ने उसका पीछा किया. दोनों ट्रैक्टर माधवपुर में स्थित मां तारा इन्टरप्राइसेस के गेट के अंदर घुस गया. टीम जब कारखाना परिसर में घुसने गयी तो घुसने नहीं दिया गया. सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी निभाने में बाधा दिया गया और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गयी. वहां के लोगों ने काफी विरोध किया. निकट ही चुरुलिया फांडी की पुलिस गश्त पर थी, उनसे संपर्क कर उन्हें बुलाया गया. पुलिस और सीआइएसएफ की टीम एकसाथ मां तारा इन्टरप्राइसेस में घुसी. जहां करीब 200 टन कोयला पड़ा हुआ था. तीन ट्रकों में 25 टन करके कोयला लोड था, पांच खाली ट्रकें कोयला लोड होने के इंतजार में खड़ी थी. तीन ट्रेक्टर में से दो में पांच टन कोयला लोड था और एक खाली थी. कोयला से जुड़ा दस्तावेज दिखाने को कहा गया. डिपो में मौजूद कर्मचारियों ने झारखंड से खरीदा गया कोयला का कुछ कागजाट दिखाया. जिसमें काफी विसंगतियां थी. खरीदे गये कोयले के साथ पश्चिम बंगाल तक परिवहन के लिए फॉर्म डी नहीं था. जिसके बाद सारा कोयला और गाड़ियों को जब्त किया गया. सूत्रों से पता चला कि मां तारा इन्टरप्राइसेस परिसर में पाया गया अवैध कोयला इसीएल से चोरी किया गया है. जिसे अवैध रूप से गया है. ट्रक, ट्रैक्टर, बैलगाड़ी आदि के माध्यम से यह कोयला यहां लाया गया है.
रेड में सीआइएसएफ के 25 जवान व अधिकारी रहे शामिल
सूत्रों के अनुसार सीआइएसएफ कोलकाता की टीम अपने सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर समय-समय पर इलाके में छापेमारी कर रही है. शुक्रवार रात को स्थानीय सीआइएसएफ टीम के साथ कोलकाता के अधिकारी व जवान भी शामिल थे. इस छापेमारी में कुल 25 अधिकारी और जवान शामिल रहे. इस काफी हाई प्रोफाइल रेड थे. सीआइएसएफ के बड़े-बड़े अधिकारी छापेमारी टीम के साथ संपर्क में थे. इस छापेमारी से कोयला चोरों में थोड़ा डर बना है.