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आरजी कर में तोड़फोड़, हत्या का सच छिपाने का था प्रयास : ममता

न्याय के लिए निकाली गयी रैली में माकपा व भाजपा पर बरसीं सीएम, लगाया आरोप

कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की एक महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु (पीजीटी) चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में केवल पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन नहीं हो रहे हैं, बल्कि देशभर में घटना का विरोध जताया जा रहा है. शुक्रवार को घटना के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में महानगर के मौलाली मोड़ से डोरिना क्रासिंग तक रैली निकाली गयी, मृत जूनियर महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग की गयी. रैली के दौरान तृणमूल सांसदों, विधायकों व समर्थकों ने दोषी को फांसी देने को लेकर नारे भी भी लगाये. मुख्यमंत्री बनर्जी ने भी घटना के दोषियों को फिर फांसी की सजा दिये जाने की मांग दोहराई.

साथ ही उन्होंने भाजपा और माकपा पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों का हाथ ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में तोड़फोड़ में है, ताकि हत्या का सच छिपाने का प्रयास किया जा सके. सुश्री बनर्जी ने माकपा और भाजपा पर आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ की साजिश रचने तथा सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाकर जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म एवं हत्या के पीछे की सच्चाई को छिपाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए जांच के लिए कोलकाता पुलिस की सराहना की. उन्होंने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से रविवार तक मामले को सुलझाने का आग्रह किया और दोषियों को फांसी देने की मांग की. उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “हम चाहते हैं कि सच्चाई सामने आये, लेकिन लोगों को गुमराह करने के लिए कुछ लोग झूठ फैला रहे हैं. सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाकर सच्चाई छिपाने की कोशिश की जा रही है. हम इन गतिविधियों की निंदा करते हैं. हम चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले.” उन्होंने कहा, “वामपंथियों और भाजपा के बीच साठगांठ को उजागर किया जाना चाहिए. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में तोड़फोड़ के पीछे माकपा और भाजपा का हाथ है. उन्होंने इस जघन्य अपराध के सबूत मिटाने के लिए अस्पताल में तोड़फोड़ की.”

मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि “आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के प्रकाश में आते ही मैंने पुलिस को त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया. मैं दोषियों को फांसी की सजा चाहती हूं. मैं इस तरह की घटना का समर्थन नहीं करती. राज्य सरकार दोषी को फांसी की सजा के पक्ष में है. मैं राजनीति से जुड़ी हूं, लेकिन सबसे पहले मैं एक इंसान हूं.

इस घटना को लेकर भाजपा व माकपा की राजनीति सही नहीं है.” मुख्यमंत्री ने राज्य में पूर्ववर्ती वाममोर्चा के सत्ता में रहने के दौरान तापसी मल्लिक और अनिता दीवान की हत्या ही नहीं, बल्कि भाजपा शासित गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में हुई महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं का जिक्र करते हुए भी माकपा व भाजपा पर हमला बोला.

उन्होंने कहा “मणिपुर में महिलाओं पर हुए निर्मम अत्याचार को लेकर भाजपा नेता क्यों नहीं बात करते हैं. हाथरस, उन्नाव, मणिपुर में महिलाओं पर हुए अत्याचार को लेकर केंद्र सरकार ने कितनी टीमें भेजी हैं? आप (भाजाप व माकपा) हमारी विनम्रता को कमजोरी नहीं समझें. बंगाल को संभालने में हम सक्षम हैं. कोई घटना होगी, तो सरकारी कार्रवाई करेगी.” उन्होंने रैली के दौरान स्लोगन भी दिया, “दोषियों को फांसी चाहिए, ‘राम-वाम’ की साजिश को नाकाम करें.’’

दिल्ली में आंदोलन करने की दी चेतावनी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरजी कर अस्पताल में जूनियर महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना को सुलझाने व दोषियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के लिए समय सीमा तय की थी. सुश्री बनर्जी ने कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि अगर पुलिस ने 18 अगस्त तक जांच पूरी नहीं की, तो मामला सीबीआइ को सौंप दिया जायेगा, लेकिन उससे पहले कलकत्ता हाइकोर्ट ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी. इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने जांच के लिए सीबीआइ के लिए एक समय सीमा भी तय की और जल्द ही कार्रवाई पूरी करने को लेकर अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा रविवार तक सीबीआइ अपराधी को नहीं पकड़ती है, तो एक बड़ा आंदोलन होगा. मुख्यमंत्री बनर्जी ने रैली के समाप्त होने पर अपने दिये संबोधन में कहा कि “सीबीआइ रविवार तक मामले को सुलझाए, वरना हम दिल्ली में जाकर धरना देंगे. वहां प्रदर्शन करेंगे. सोमवार को रक्षाबंधन के दिन हमारा कार्यक्रम सभी भाई-बहनों की सुरक्षा के लिए होगा.” वक्तव्य के अंत बनर्जी ने खुद नारा लगाया, ”दोषियों को फांसी हो. रविवार तक अपराधियों को फांसी की सजा दी जाये.”

तोड़फोड़ की घटना में हुआ 100 करोड़ का नुकसान

मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, करीब 40 लोगों के एक समूह ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में घुसकर आपातकालीन विभाग, नर्सिंग यूनिट और दवा स्टोर में तोड़फोड़ की. भीड़ ने सरकारी अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे भी क्षतिग्रस्त कर दिये और उस मंच पर भी तोड़फोड़ की, जहां जूनियर महिला चिकित्सक से कथित दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे थे. मुख्यमंत्री का दावा है कि हंगामा व तोड़फोड़ की घटना में लगभग 100 करोड़ का नुकसान हुआ है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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