कोलकाता.
कोलकाता उत्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सात में से एक विधानसभा क्षेत्र मानिकतला में अगले महीने होने वाले उपचुनाव में दिलचस्प त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है. चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए मुख्य चिंता है कि हालिया लोकसभा चुनाव में यहां के परिणाम अच्छे नहीं आये थे. जीत का मार्जिन काफी कम था. मानिकतला से तीन बार तृणमूल कांग्रेस के विधायक रहे साधन पांडे के निधन के बाद वहां उपचुनाव कराया जा रहा है. पार्टी दिवंगत विधायक की लोकप्रियता के सहारे यह सीट जीतना चाहती है और इसलिए उसने 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव में उनकी पत्नी सुप्ति पांडे को मैदान में उतारा है. वहीं, भाजपा ने पार्टी उम्मीदवार कल्याण चौबे को फिर से उम्मीदवार बनाया है, जो 2021 में साधन पांडे से हार गये थे. उपचुनाव में तीसरा प्रमुख चेहरा माकपा का है, जिसके उम्मीदवार राजीव मजूमदार हैं. गौरतलब है कि 2021 में साधन पांडे उस निर्वाचन क्षेत्र से 20,238 मतों के अंतर से निर्वाचित हुए थे. हालांकि, लोकसभा चुनाव में मानिकतला से तृणमूल कांग्रेस की जीत का अंतर घट कर मात्र 3,575 मत रह गया. लोकसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व अब शहरी मतदाताओं के बीच अपनी घटती लोकप्रियता के कारणों की समीक्षा कर रहा है. कोलकाता उत्तर लोकसभा के मामले में गुटबाजी के कारण पार्टी की लोकप्रियता को झटका लगा है, जिसका असर मानिकतला विधानसभा पर भी देखा गया. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उपचुनाव से पहले पार्टी एकजुट होकर साधन पांडे की पत्नी की जीत सुनिश्चित कर पाती है या नहीं. मानिकतला में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या मात्र 2.4 प्रतिशत है. वहीं अनुसूचित जाति/जनजाति मतदाताओं की संख्या पांच प्रतिशत से थोड़ी कम है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है