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कुख्यात अपराधी की धमकी, सभी के बाल बच्चों को भी भुगतना होगा भयानक परिणाम

अदालत से न्यायिक हिरासत में सौंपने के दौरान खुलेआम दी धमकी, जेल अधीक्षक, सहायक कंट्रोलर, अवर निरीक्षक सह आधा दर्जन लोग बने गवाह

आसनसोल.

नालंदा (बिहार) जिले के चंडी थाना क्षेत्र के चिस्तीपुर गांव का निवासी व देशभर में सोना लूटकांड का कुख्यात अपराधी सुबोध सिंह उर्फ छोटू पर सीआइडी डीआरबीटी सेल के प्रभारी खलेकुज्जमां को धमकी देने पर आसनसोल साउथ थाने में गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ. सोमवार को दोपहर 12.40 बजे सुबोध को अदालत से आसनसोल जेल में लाया गया, उस दौरान सुबोध ने सीआइडी अधिकारी व डीआरबीटी सेल के प्रभारी पर चिल्लाते हुए कहा ‘हमको फंसाने के लिए आप लोगों को कीमत चुकानी होगी और आप सबके बाल बच्चों को भुगतना होगा’. सुबोध ने जब यह धमकी दी उस दौरान डीआरबीटी सेल के प्रभारी के साथ रानीगंज भालोटिया परिवार के घर डकैती कांड के जांच अधिकारी सीआइडी के अवर निरीक्षक दिगंत विश्वास, कांस्टेबल शुभाशीष हालदार, आसनसोल जेल के अधीक्षक कृपामय नंदी, सहायक कंट्रोलर प्रियतोष दास और अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे. इस सभी के नाम शिकायत में देकर सीआइडी अधिकारी ने धमकी दिये जाने का उन्हें गवाह बनाया है. शिकायत के आधार पर सुबोध के खिलाफ आसनसोल साउथ थाने में एक मजबूत मामला दर्ज हो गया. कांड संख्या 241/24 में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 351(3)/221/232 के तहत मामला दर्ज हुआ है. जिनमें दो धाराएं गैर जमानती हैं. इसमें सात साल के कारावास और जुर्माने का प्रावधान है. बुधवार को आसनसोल जिला अदालत में एडीजे-एक की अदालत में सुबोध की पेशी है. इस दौरान सीआइडी 14 दिनों की पुलिस रिमांड की अपील कर सकती है. आसनसोल साउथ थाने की पुलिस भी धमकी के मामले में सुबोध के लिए शोन अरेस्ट की अपील कर सकती है.

गौरतलब है कि 20 फरवरी 2022 को रानीगंज में सुंदर भालोटिया के आवास पर हुई डकैती कांड के मामले में आसनसोल एडीजे-एक की अदालत से जारी प्रोडक्शन वारंट के आधार पर सुबोध सिंह को पटना के बेउर जेल से रविवार को आसनसोल लाया गया. रविवार को एडीजे-एक की अदालत बंद होने के कारण उसे सीजेएम अदालत में पेश किया गया. सीजेएम ने सोमवार को उसे एडीजे-एक की अदालत में पेश करने को कहा और तब तक के लिए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया. सोमवार को उसे एडीजे-एक की अदालत में पेश किया गया. राज्यभर में वकीलों की हड़ताल होने के कारण मामले पर कोई सुनवाई नहीं हुई. सीआइडी के जांच अधिकारी ने पुलिस रिमांड की अपील की. अदालत ने तीन जुलाई की सुनवाई का दिन दिया और तब तक के लिए पुनः उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. सोमवार को अदालत की कार्रवाई पूरी होने के बाद जब उसे आसनसोल जेल में ले जाया गया, उस दौरान उसने सीआइडी अधिकारी को धमकी दे दी. जिसमें परिवार के सदस्यों को भी बुरे अंजाम की धमकी दी. सीआइडी अधिकारी की शिकायत पर सुबोध के खिलाफ आसनसोल साउथ थाने में गैरजमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ.

सुबोध को आसनसोल साउथ थाने की पुलिस लेगी रिमांड पर, कई मामलों में होगी पूछताछ

सीआइडी अधिकारी को धमकी देने के मामले में आसनसोल साउथ थाने की पुलिस सुबोध को रिमांड पर लेने की तैयारी में है. बुधवार को उसे अदालत में पेश किया जायेगा. सीआइडी के अधिकारी उसे रिमांड पर लेने की अपील करेंगे. इसी दौरान साउथ थाने की पुलिस उसे धमकी वाले मामले में शोन अरेस्ट की अपील कर सकती है. या फिर उसकी रिमांड यदि हो गयी तो रिमांड से वापस आने के बाद शोन अरेस्ट की अपील करेगी और शोन अरेस्ट के बाद पुलिस रिमांड के लिए प्रेयर करेगी. सुबोध के लिए बेउर जेल में फिलहाल वापस जाना थोड़ा कठिन दिख रहा है. सुबोध के लिए बंगाल एक सॉफ्ट टारगेट बना हुआ है. गहनों की लूट की घटनाओं को अंजाम देने के साथ-साथ उसने अब रंगदारी के क्षेत्र में भी मजबूती से कदम रखा है और उसके गुर्गे राज्य के विभिन्न इलाकों में उसके इशारे के इंतजार में कुछ भी करने के लिए तैयार हैं. एडीपीसी में उसके लड़के कहां क्या-क्या कर रहे हैं? उनका अगले टारगेट क्या है? इलाके में शांति बनाये रखने के लिए पुलिस के लिए यह जानना बहुत जरूरी है. सभी सवालों के जवाब पुलिस जानना चाहेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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