जामताड़ा और देवघर के तीन साइबर ठग गिरफ्तार, 10 दिनों की पुलिस रिमांड
इनमें जामताड़ा (झारखंड) जिले के करमाटांड़ थाना क्षेत्र के देवलबाड़ी इलाके का निवासी मनीष मंडल (20) और पटोल इलाके का निवासी संतोष मंडल तथा देवघर (झारखंड) जिला के करौं थाना क्षेत्र के जागारी इलाके का निवासी अमर मंडल (21) शामिल हैं.
आसनसोल. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) साइबर क्राइम थाने की पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. जामताड़ा और देवघर इलाके के तीन कुख्यात साइबर ठगों को अंडाल थाना क्षेत्र के उखड़ा इलाके में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनमें जामताड़ा (झारखंड) जिले के करमाटांड़ थाना क्षेत्र के देवलबाड़ी इलाके का निवासी मनीष मंडल (20) और पटोल इलाके का निवासी संतोष मंडल तथा देवघर (झारखंड) जिला के करौं थाना क्षेत्र के जागारी इलाके का निवासी अमर मंडल (21) शामिल हैं. इनके पास से 17 स्मार्ट फोन, तीन सिम कार्ड, दो डेबिट कार्ड जब्त किये गये हैं. इनके खिलाफ बीएनएस की धारा 316(2)/318/319(2)/61(2)/3(5)/3(6) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है. रविवार को तीनों आरोपियों को आसनसोल अदालत में पेश किया गया. जांच अधिकारी ने आरोपियों के 14 दिनों की पुलिस रिमांड की अपील की. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 10 दिनों की पुलिस रिमांड मंजूर की. रिमांड अवधि में इनके पास से पुलिस को काफी जानकारी मिलने की उम्मीद है.
डेढ़ माह से अंडाल उखड़ा इलाके में रह रहे थे घर किराये पर लेकर : मनीष मंडल, अमर मंडल और संतोष मंडल, ये तीनो आरोपी अंडाल थाना क्षेत्र के शारदापल्ली, उखड़ा इलाके में एक घर किराये पर लेकर पिछले डेढ़ माह से रह रहे थे. मकान मालिक की भी पुलिस तलाश कर रही है. पुलिस को सूचना मिली है कि मकान मालिक का ससुराल जामताड़ा इलाके में है. जिसके कारण ही इन्होंने यहां आकर घर किराये पर लिया. डेढ़ माह में इन लोगों ने कई कांड को अंजाम दिया है. फिलहाल पुलिस को 15 लाख रुपये की ठगी की एक सूचना मिली है. जो किसी दूसरे राज्य का मामला है. रिमांड अवधि में इनके विभिन्न कारनामों के सामने की संभावना है. पुलिस के अनुसार जहां-जहां से जुड़े मामले होंगे, वहां की पुलिस को इनकी जानकरी दी जायेगी.प्रतिबिंब ऐप के जरिये ही तीनों आरोपियों की मिली पुलिस को जानकारी
प्रतिबिंब ऐप के माध्यम से देशभर में हर साइबर क्राइम थाने के पुलिस अधिकारी साइबर अपराधियों की गतिविधि पर नजर रखने के कार्य में जुटे हैं. एक साइबर अपराधी बंगाल में बैठकर देश के किसी भी राज्य के नागरिक को फोन करके लूटता है और जिसकी शिकायत थाने में दर्ज होती है तो साइबर ठग का वह फोन नंबर पूरे देश के हर साइबर क्राइम थाने में पहुंच जाता है. वह नंबर कभी भी, कहीं भी सक्रिय हुआ तो उसकी जानकारी तुरंत उस इलाके के साइबर थाने को मिल जायेगी. जिसके आधार पर उस नंबर का उपयोग करनेवाले को कुछ घंटों के अंदर ही पुलिस पकड़ लेगी. सूत्रों के अनुसार अंडाल में गिरफ्तार तीनों आरोपियों को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने प्रतिबिंब एप के जरिये ही ढूंढ निकाला. ये तीनों आरोपी घर से ज्यादा बाहर नहीं निकलते थे. घर में ही रहते थे. घर मालिक को इनकी हरकतों की जानकारी थी या नहीं, पुलिस इसकी जांच कर रही है.घर किराये पर देने से पहले किरायेदार की जानकारी करें हासिल, सूचित करें पुलिस को
एडीपीसी पुलिस की ओर से हर इलाके में माइकिंग करके लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि किसी भी व्यक्ति को घर किराया देने से पहले उसके विषय में थोड़ी छानबीन कर लें. उसका आधार कार्ड, वोटर कार्ड या अन्य पुख्ता परिचय पत्र की प्रति अपने पास रखें. वह वहां क्यों आया है? क्या काम करता है? इसकी जानकारी लें और स्थानीय थाने को भी इसकी जानकारी दें. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास ने कहा कि इस विषय में लोगों के जागरूक होने से ही अपराध पर काफी हद तक अंकुश लग जायेगा. कोई भी अपराधी अचानक आकर कोई कांड करके नहीं निकल पायेगा. उसे यहां रहकर अपना प्लान तैयार करना पड़ेगा. अपराधी होटल में नहीं रुकते हैं. उन्हें पता है कि होटल से अतिथियों की लिस्ट हर दिन थाने में जमा होती है. मकान मालिक भी यदि पुलिस को अपने किरायेदार की सूचना पुलिस को तुरंत मुहैया करा दे तो अपराधियों के लिए बड़ी मुसीबत बन जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है