पुरुलिया/विष्णुपुर/खड़गपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राज्य में तीन चुनावी रैलियां कीं. उन्होंने पुरुलिया, बांकुड़ा के विष्णुपुर और पश्चिम मेदिनीपुर के खड़गपुर में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कथित टिप्पणियों की निंदा की और कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस वोट बैंक के ‘तुष्टीकरण’ के लिए इन सामाजिक-धार्मिक संगठनों को धमका रही है. मोदी ने पुरुलिया में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस शालीनता की हदें लांघकर इतना नीचे गिर गयी है कि वह ‘इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के खिलाफ अफवाह फैला रही है. उन्होंने कहा: चुनाव के दौरान बंगाल की जनता को डराने-धमकाने वाली तृणमूल ने इस बार सारी हदें पार कर दी है. आज देश-दुनिया में इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ सेवा और नैतिकता के लिए जाने जाते हैं, लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री उन्हें खुले मंच से खुलेआम धमकी दे रही हैं. वे केवल अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए उन्हें धमकी दे रही हैं. पीएम मोदी ने कहा कि इन संगठनों के दुनिया भर में लाखों अनुयायी हैं और उनका उद्देश्य लोगों की सेवा करना है. मोदी ने रैली में कहा: बंगाल सरकार ने उन पर उंगली उठायी है. इतना साहस. सिर्फ अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए? प्रधानमंत्री ने विष्णुपुर में बनर्जी पर ‘मुस्लिम कट्टरपंथियों के दबाव में’ होने और देश के साधु और संतों पर हमला करने का आरोप लगाया. मोदी ने कहा: हताशा में, तृणमूल नेताओं ने इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ जैसे प्रतिष्ठित संगठनों को गालियां देनी शुरू कर दी है. इन संगठनों ने बंगाल का नाम रोशन किया है, लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री का दावा है कि ये बंगाल को बर्बाद कर रहे हैं. सुश्री बनर्जी ने आरामबाग लोकसभा क्षेत्र के गोघाट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दावा किया था: रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के कुछ संत दिल्ली में भाजपा नेताओं के प्रभाव में काम कर रहे हैं. जो लोग मंदिरों की देखभाल कर रहे हैं, वे महान आध्यात्मिक कार्य कर रहे हैं, लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर रहा. हम संतों का सम्मान करते हैं. पीएम ने कहा: टीएमसी अब उसी ”मां माटी मानुष” को निगल रही है. मोदी ने टीएमसी की ‘वोट-बैंक की राजनीति’ की आलोचना करते हुए दावा किया कि जो पार्टी ‘संदेशखाली में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचती थी’, अब महिलाओं पर उंगली उठा रही है जिन्होंने अत्याचार झेला है. उन्होंने आरोप लगाया: संदेशखाली की घटनाओं ने बंगाल की महिलाओं को झकझोर कर रख दिया. टीएमसी ने शेख शाहजहां को बचाने के लिए एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) समुदायों की महिलाओं का अमानवीयकरण किया है. तृणमूल के नेता अत्याचार झेलने वाली महिलाओं पर उंगली उठा रहे हैं.
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