केंद्र में भाजपा सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पेश किए जाने के बाद बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल ने अपना जवाबी कार्यक्रम शुरू किया . तृणमूल को लगता है कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए लाकर केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बंगाल के मतुआ और शरणार्थी वोट बैंक को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है. मंगलवार को बंगाल के सभी अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों तक पहुंचने और सीएए के बारे में अपनी शिकायतें बताने का कार्यक्रम शुरू किया. जिसका नाम दिया गया है ‘तपशिलि संगलाप’. अभिषेक बनर्जी ने आज इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया है.
अभियान 15 मार्च से होगा शुरू
अभियान 15 मार्च से शुरू होगा और अगले 45 दिनों तक जारी रहेगा . अगले शुक्रवार से राज्य भर में तृणमूल के 150 विशेष प्रचार वाहनों से तृणमूल नेता 6000 से अधिक इलाकों का दौरा करेंगे. वे अनुसूचित जाति और जनजाति आबादी वाले इलाकों में जायेंगे. यह भी जानकारी है कि प्रत्येक क्षेत्र में 35 हॉटस्पॉट पर बैठकें आयोजित की जाएंगी. अनुसूचित लोगों को सीएए के क्रियान्वयन के बारे में समझाया जाएगा. केंद्रीय नेतृत्व क्या कहना चाह रहा है, इसमें कोई गलतफहमी न रहे. इसीलिए तृणमूल कांग्रेस ने यह पहल की है. पार्टी का लक्ष्य अप्रैल के अंत तक 25,000 से अधिक बैठकें आयोजित करने का है.