केएनयू के कुलपति ने डीन ऑफ आर्ट्स को दिया अपना चार्ज

काजी नजरुल विश्वविद्यालय (केएनयू) में शुक्रवार को भारी हंगामा होने की संभावना है. कुलपति डॉ. देबाशीष बंधोपाध्याय और रजिस्ट्रार डॉ. चंदन कोनार के कार्यालय में ताला जड़कर तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) की ओर से पिछले चार दिनों से आंदोलन चल रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 11, 2024 9:45 PM

आसनसोल.

काजी नजरुल विश्वविद्यालय (केएनयू) में शुक्रवार को भारी हंगामा होने की संभावना है. कुलपति डॉ. देबाशीष बंधोपाध्याय और रजिस्ट्रार डॉ. चंदन कोनार के कार्यालय में ताला जड़कर तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) की ओर से पिछले चार दिनों से आंदोलन चल रहा है. कुलपति और रजिस्ट्रार दोनों ही छुट्टी पर हैं. सूत्रों के अनुसार रजिस्ट्रार शुक्रवार को सुबह 11 बजे अपने कार्यालय आयेंगे. वह छुट्टी पर थे, गुरुवार को वापस लौट आये हैं. विश्वविद्यालय में उनके आने पर आंदोलन कर रहे टीएमसीपी के समर्थकों के साथ उनके टकराव की संभावना प्रबल है. कुलपति के प्रति आंदोलनकारियों का सारा रोष भी उन्हें झेलना पड़ सकता है. इस बीच कुलपति डॉ. बंधोपाध्याय ने गुरुवार और शुक्रवार दो दिनों के लिए कुलपति का प्रभार डीन ऑफ आर्ट्स डॉ. सजल भट्टाचार्य को दिया. कुलपति फिलहाल शहर से बाहर हैं. शनिवार और रविवार विश्वविद्यालय कार्यालय के बंद होने के कारण चार दिनों के लिए उनकी जिम्मेदारी टल गयी. सोमवार क्या कुलपति विश्वविद्यालय आएंगे? सभी उनके आने के इंतजार में हैं.

गौरतलब है कि कुलपति का इस्तीफा, विश्वविद्यालय के फंड का उपयोग विकास की बजाय अदालती कार्रवाई में खर्च करने, लॉ की पढ़ाई तीन साल करने, लॉ की फीस 20 हजार से घटाकर 10 हजार करने, दुर्गापुर से बस परिसेवा को सुचारू रूप से आरंभ करने सहित अन्य कई मांगों को लेकर सोमवार से टीएमसीपी के सदस्यों ने केएनयू में आंदोलन शुरू किया. इस दिन कुलपति और रजिस्ट्रार दोनों ही नहीं थे. आंदोलनकारियों ने कुलपति के कार्यालय में ताला जड़ दिया, जो अबतक नहीं खुला है. दूसरे दिन मंगलवार को रजिस्ट्रार के कार्यालय में भी ताला जड़ दिया.

तीसरे दिन बुधवार को टीएमसीपी के इस आंदोलन के साथ वेस्ट बंगाल कॉलेज यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स एसोसिएशन भी इसके साथ जुड़ गयी, जिससे आंदोलन को काफी बल मिल गया. गुरुवार को आंदोलन चलता रहा. कुलपति और रजिस्ट्रार नहीं आयें. टीएमसीपी के जिलाध्यक्ष अभिनव मुखर्जी ने कहा कि उनकी मांगे पूरी नहीं होने तक आंदोलन चलेगा. विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है, जिसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता है. वीसी का इस्तीफा नहीं देने तक आंदोलन चलेगा.

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