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बारिश के पानी से हो रही ट्रेनों की धुलाई

जल संरक्षण के प्रति हावड़ा मंडल की नयी पहल

कोलकाता. जल संरक्षण की दिशा में पूर्व रेलवे का हावड़ा मंडल ने नयी पहल की है. अक्सर स्टेशनों पर पानी की बर्बादी की शिकायत मिलती है. लेकिन हावड़ा मंडल की बारिश के पानी से ट्रेनों की धुलाई की चर्चा हर तरफ हो रही है. पूर्व रेलवे, वर्षा जल संचयन प्रणाली के माध्यम से, हावड़ा स्टेशन में सालाना लगभग 97,524.54 क्यूबिक मीटर बारिश का पानी एकत्र करता है, जिसका उपयोग ट्रेनों की पिट लाइन में होता है. एकत्रित बारिश के पानी का इस्तेमाल साफ-सफाई को लिए किया जा रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि हावड़ा स्टेशन अपने कुल क्षेत्रफल का लगभग 90 प्रतिशत शेड और छत से ढका हुआ है. प्रतिवर्ष 90224540 लीटर वर्षा का पानी एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) प्लांट के माध्यम से ट्रीटमेंट कर पुन: इस्तेमाल लायक बनाया जाता है. इस पानी का इस्तेमाल स्टेशन, ट्रैक और स्टेशन एरिया की धुलाई के लिए किया जाता है. बताते हैं कि हावड़ा स्टेशन के आसपास हुई बारिश के बाद पानी को एकत्रित करने और उसे शोधन करने के लिए एक प्लांट तैयार किया गया है. इस टैंक में 90224540 लीटर बारिश का पानी एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) में शोधन करने और एकत्रित करने की व्यवस्था है. इस एकत्रित पानी को एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट में जलशोधन कर फिर से उपयोग लायक बनाया जाता है. इस पर्यावरण-अनुकूल पहल ने हावड़ा स्टेशन पर धुलाई और सफाई के लिए ताजे पानी के उपयोग को समाप्त कर दिया है, इस नयी पहले के बाद केवल पुनर्चक्रित वर्षा जल से ही ट्रेन की धुलाई किया जाता है. एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट के पास ही ट्रेनों को धोने और रखरखाव के लिए पिट लाइन बनाया गया है.

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