12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

West Bengal : प्रदूषण नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग की पहल, अब सरकारी बाबू करेंगे इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल

इलेक्ट्रिक वाहन के लिए राज्य सरकार प्रति माह 46 हजार रुपये खर्च करेगी. यह किराया 100 किलोमीटर की आवाजाही के लिए आवंटित किया गया है. इसके बाद कार जितने किलोमीटर चलेगी, उतने किलोमीटर के हिसाब से 8 रुपये का चार्ज लगेगा.

पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ सालों से परिवहन विभाग राज्य में ‘इलेक्ट्रिक वाहन’ (Electric Vehicle) चलाने पर जोर दे रहा है. सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए गए. लेकिन इस बार राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए इलेक्ट्रिक कार किराए पर लेने के फैसले को मंजूरी दे दी गई. इस संबंध में परिवहन विभाग ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की है. जहां कहा गया है कि इस बार से प्रशासन के सभी स्तर के अधिकारियों को इलेक्ट्रिक कार किराए पर लेनी होगी. इसके लिए नई दर भी तय कर दी गई है. प्रत्येक इलेक्ट्रिक वाहन के लिए राज्य सरकार प्रति माह 46 हजार रुपये खर्च करेगी. यह किराया 100 किलोमीटर की आवाजाही के लिए आवंटित किया गया है. इसके बाद कार जितने किलोमीटर चलेगी, उतने किलोमीटर के हिसाब से 8 रुपये का चार्ज लगेगा.

परिवहन विभाग अलग-अलग कंपनियों से लेगा कार किराए पर

नई इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल की स्थिति में परिवहन विभाग इस दर पर अलग-अलग कंपनियों से कारें किराए पर लेगा. ऐसा नहीं है कि डीजल या पेट्रोल कारें किराये पर नहीं ली जा सकतीं. हालांकि यदि आप ऐसी कार किराए पर लेना चाहते हैं, तो आपको पहले वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी. परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार अदालत के आदेश के कारण इस साल लगभग 20,000 पेट्रोल और डीजल टैक्सियां रद्द कर दी जाएंगी. इतनी बड़ी संख्या में वाहनों के स्क्रैप होने के कारण राज्य सरकार को नए वाहन किराए पर लेने की आवश्यकता होगी.

प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये परिवहन विभाग का अहम फैसला

ऐसे में परिवहन विभाग ने पेट्रोल या डीजल कारों को किराए पर लेने के बजाय इलेक्ट्रिक कारों को किराए पर लेने का फैसला किया है. क्योंकि राज्य सरकार कोलकाता शहर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अधिक इलेक्ट्रिक वाहन चलाना चाहती है. ऐसा माना जा रहा है कि महानगर में प्रदूषण की मात्रा एक झटके में कम हो जायेगी. ऐसे में भले ही राज्य सरकार ज्यादा पैसे खर्च करना पड़ेगा लेकिन राज्य सरकार ‘ई’ वाहनों पर निर्भर रहना चाहती है. क्योंकि सरकार विभिन्न निजी कंपनियों से कारें किराए पर लेती है. ऐसे में अगर सरकार बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक कारें किराए पर लेती है तो बाजार में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक कारें बिकेंगी. इससे जहां एक ओर प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकेगा. वहीं दूसरी ओर निजी कंपनियों पर इलेक्ट्रिक कार चलाने का दबाव भी नहीं रहेगा. इसलिए परिवहन विभाग ने पहले ही इलेक्ट्रिक कारों को खरीदने के लिए कई छूट की घोषणा कर दी है.

Also Read: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्पेन के बाद दुबई में भी औद्योगिक सम्मेलन में होंगी शामिल
नियम और दरें तय करते हुए अधिसूचना जारी

वहीं परिवहन विभाग जितने भी इलेक्ट्रिक वाहन किराये पर लेगा उनका किराया भी तय कर दिया गया है. जो कि पेट्रोल और डीजल कारों से कहीं ज्यादा है. राज्य सरकार ने आखिरी बार 2018 में ऐसी लक्जरी टैक्सियों के किराए में बढ़ोतरी की थी. उस मामले में राज्य ने प्रति दिन 468 रुपये की दर से एक कार किराए पर ली. लेकिन दावा है कि किराया एक झटके में तीन गुना कर दिया गया है. इस संदर्भ में परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार पहले भी इलेक्ट्रिक कारें किराए पर ले चुकी है. लेकिन उस मामले में कोई नियम या दर नहीं थी और संख्या केवल मुट्ठी भर थी. लेकिन इस बार नियम और दरें तय करते हुए अधिसूचना जारी कर दी गई है.

Also Read: West Bengal : दिल्ली में ममता और अभिषेक का धरना, देखेगा पूरा बंगाल
राज्य सरकार ‘ई’ वाहनों पर रहना चाहती है निर्भर

परिणामस्वरूप हमें लगता है कि किसी भी पक्ष को कोई समस्या नहीं होगी . ज्वाइंट काउंसिल ऑफ लग्जरी टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष शंकर घोष ने कहा, हम राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं. लेकिन मेरे मन में यह सवाल है कि बुनियादी ढांचे के निर्माण के बिना इलेक्ट्रिक कारें चलाना कितना सफल होगा. हमारा मानना ​​है कि इस संबंध में परिवहन विभाग के साथ काफी चर्चा की जरूरत है.

Also Read: बंगाल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ विदेश दौरे के लिए सौरभ गांगुली को भी न्योता
15 साल पुरानी कारों को हटाने का दिया गया था आदेश

उल्लेखनीय है कि प्रदूषण को कम करने के लिए ””””नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल”””'” ने 15 साल पुरानी कारों को हटाने का आदेश दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी. गौरतलब है कि पहले चरण में सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, विधाननगर, आसनसोल, बारासात, दुर्गापुर, चंदननगर में पंजीकृत वाहनों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि भले ही पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है, लेकिन वे अभी भी सड़कों पर चल रहे हैं. इससे परिवहन विभाग को उन वाहनों से कोई आय नहीं हो रही है. इसके विपरीत ये वाहन प्रदूषण फैला रहे हैं. हालांकि माना जा रहा है कि परिवहन विभाग कार मालिकों को प्रोत्साहित करने के लिए यह व्यवस्था कर सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें