आसनसोल/रूपनारायणपुर.
जमीन विवाद की शिकायत पर जांच करने पहुंचे बाराबनी थाने के सहायक अवर निरीक्षक सोमेन घोष द्वारा एक आदिवासी महिला को धमकी देने के आरोप को लेकर आदिवासी संगठन भारत जकात माजी परगना महल की ओर से सोमवार को बाराबनी थाने के घेराव के साथ बाराबनी जामुड़िया मुख्यमार्ग को घंटों अवरुद्ध किया गया. आंदोलन की उग्रता को देखते हुए सहायक पुलिस आयुक्त (हीरापुर) इप्शिता दत्त, हीरापुर के सर्किल इंस्पेक्टर बाराबनी थाने पहुंचे. आंदोलन कर रहे आदिवासी संगठन के प्रतिनिधियों के साथ उन्होंने बैठक की. प्रतिनिधियों ने पुलिस अधिकारी श्री घोष के खिलाफ लिखित शिकायत दी और जिस महिला को धमकी दी थी, उसके घर जाकर माफी मांगने की मांग पर अड़े रहे. सहायक पुलिस आयुक्त ने दो दिनों का समय लिया. संगठन के नेताओं ने कहा कि यदि अधिकारी माफी नहीं मांगते हैं तो पुनः आंदोलन होगा.गौरतलब है कि बाराबनी थाने के दोमुहानी गामछागादा पाड़ा की निवासी व पूर्व इसीएल कर्मी माकू सोरेन करीब 18 वर्षों से एक बच्चे को अपने पास रखी हैं. वह बच्चा अब बड़ा हो गया और उसकी शादी भी हो गयी है. श्रीमती सोरेन की एक बेटी है. जिसकी शादी 20 वर्ष पहले हो चुकी है और वह अपने ससुराल में रहती है. स्थानीय सूत्रों के अनुसार तीन दिन पहले उसकी बेटी आयी और श्रीमती सोरेन के मुंहबोले बेटे और उसकी पत्नी को घर से निकलने को कहा. उनलोगों ने इसका विरोध किया कि वर्षों से वे यहां पर हैं. श्रीमती सोरेन की उम्र 80 के पार है, वे उसकी देखभाल करते हैं. उन्होंने पूछा कि इतने दिनों तक वह कहां थी. इसे लेकर विवाद हुआ. श्रीमती सोरेन की बेटी ने जाकर बाराबनी थाने में शिकायत कर दी. इसी शिकायत के आधार पर जांच करने पहुंचे पुलिस अधिकारी श्री घोष ने श्रीमती सोरेन की कथित पुत्रवधू को खरी खोटी सुनाई और घर नहीं खाली करने पर बुरे अंजाम की धमकी दी. यह आरोप पुलिस अधिकारी के खिलाफ लगाकर उन्होंने अपने संगठन को इसकी पूरी कहानी बतायी. सोमवार को संगठन के सदस्य दोमुहानी हाटतला बाजार में जमा हुए और वहां से रैली करके उन्होंने थाने का घेराव किया. बाराबनी जामुड़िया मुख्य मार्ग अवरुद्ध किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है