पश्चिम बंगाल : लोकसभा में अधिक सीटों पर युवाओं व महिलाओं मैदान में उतार सकती है तृणमूल,कई सांसदों का कट सकता है टिकट
पश्चिम बंगाल : तृणमूल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्याशियों को चुनते समय, चार प्रमुख कारकों को ध्यान में रखा है - जीतने की क्षमता, पिछला प्रदर्शन, सार्वजनिक छवि और उम्र. हालांकि, कोई विशिष्ट आयु सीमा नहीं है, और यदि सांसद अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, तो उन्हें बदला नहीं जा सकता है.
पश्चिम बंगाल : आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) द्वारा उम्मीदवारों का चयन उनके चुनाव जीतने की क्षमता, सार्वजनिक छवि और मौजूदा सांसदों के प्रदर्शन के आधार पर किए जाने की उम्मीद है. हालांकि, पार्टी के भीतर यह भी बहस चल रही है कि क्या वरिष्ठ नेताओं को युवा नेताओं के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए. टीएमसी सूत्रों के मुताबिक पार्टी घाटाल, आसनसोल और कृष्णानगर सीट पर अपने मौजूदा सांसदों को फिर उम्मीदवार बना सकती है. अभिनेता देव (दीपक अधिकारी) घाटल से सांसद हैं, वहीं शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल से सांसद हैं. महुआ मोइत्रा कृष्णानगर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती थीं. उन्हें हाल ही में भ्रष्टाचार के एक मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने जीती थीं 22 सीट
टीएमसी द्वारा पहले जीती गईं नौ सीट और लगभग सभी 18 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए भी महत्वपूर्ण बदलाव की योजना बनाई गई है, जहां पार्टी 2019 में हार गई थी. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने 22 सीट जीती थीं जबकि भारतीय जनता पार्टी ने 18 सीट हासिल की थीं. कुछ सांसदों के प्रदर्शन पर चिंता के साथ-साथ टीएमसी के भीतर पुराने नेताओं और नयी पीढ़ी के नेताओं के बीच चल रही बहस भी उम्मीदवारों के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
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पार्टी महिला उम्मीदवारों के नामों की कर सकती है घोषणा
भ्रष्टाचार के आरोपों ने नेताओं की सार्वजनिक छवि को उम्मीदवारों के चयन में एक महत्वपूर्ण मानदंड बना दिया है. महिला नेताओं को प्रतिनिधित्व देने की टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की नीति में निरंतरता बनाए रखते हुए पार्टी बड़ी संख्या में महिला उम्मीदवारों के नामों की भी घोषणा कर सकती है. संदेशखालि घटनाक्रम के कारण भी पार्टी मुश्किल में पड़ गई है. संदेशखाली में महिलाओं ने स्थानीय टीएमसी नेताओं पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. पार्टी सूत्रों ने कहा कि तृणमूल द्वारा बड़ी संख्या में महिला उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने की उम्मीद है.
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75 से 80 वर्ष की आयु वाले कई सांसदों का कट सकता है टिकट
तृणमूल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्याशियों को चुनते समय, चार प्रमुख कारकों को ध्यान में रखा है – जीतने की क्षमता, पिछला प्रदर्शन, सार्वजनिक छवि और उम्र. हालांकि, कोई विशिष्ट आयु सीमा नहीं है, और यदि सांसद अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, तो उन्हें बदला नहीं जा सकता है.टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने हाल के महीनों में बढ़ती उम्र के साथ कार्यकुशलता में गिरावट का हवाला देते हुए राजनीति में सेवानिवृत्ति की उम्र निर्धारित करने की वकालत की है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक 75 से 80 वर्ष की आयु वाले कई सांसदों का टिकट कट सकता है.
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