कोलकाता. उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ यौन अत्याचार के आरोपों पर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि यह प्रकरण लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल को बदनाम करने के लिए भाजपा की एक ‘साजिश’ थी. कथित वीडियो में, संदेशखाली में भाजपा के मंडल अध्यक्ष होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति को यह कहते सुना जा सकता है कि पूरी साजिश के पीछे विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का हाथ है. हालांकि, इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि ‘प्रभात खबर’ नहीं करता है. भाजपा ने इस वीडियो को फर्जी करार दिया है. हालांकि, उक्त वीडियो को लेकर तृणमूल भगवा दल पर लगातार हमला कर रही है. गुरुवार को मामले को लेकर तृममूल ने निर्वाचन आयोग से भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी व अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है. पार्टी ने दावा किया है कि भाजपा के एक नेता ने कैमरे पर कबूल किया है कि संदेशखाली मामले में यौन अत्याचार के आरोप मनगढ़ंत थे. इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से संबंधित नेताओं के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के लिए पुलिस को निर्देश देने का आग्रह किया. इस दिन तृणमूल की राज्यसभा सदस्य सागरिका घोष ने निर्वाचन आयोग शिकायत से संबंधित एक पत्र सौंपा. पत्र में तृणमूल ने शुभेंदुअधिकारी एवं अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के खिलाफ यौन अत्याचार की झूठी शिकायतें दर्ज कराने की गहरी साजिश में शामिल होकर समाज के साथ गंभीर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. उनकी शिकायत एक कथित वीडियो पर आधारित है, जिसमें भाजपा के संदेशखाली मंडल अध्यक्ष गंगाधर कयाल होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘‘पूरी साजिश के पीछे’’ पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी हैं. एक समाचार संस्था ने ‘स्टिंग ऑपरेशन’ में वीडियो बनाया, जिसे बाद में तृणमूल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया. इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ‘स्टिंग ऑपरेशन’ फर्जी था और उन्हें शक है कि वीडियो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) की मदद से बनाया गया है. तृणमूल ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो का यूट्यूब लिंक भी साझा किया और कहा कि कयाल ने अधिकारी एवं भाजपा के अन्य नेताओं के निर्देशों के तहत संदेशखाली की महिलाओं को यौन अत्याचार की झूठी शिकायतें दर्ज कराने के लिए उकसाने की बात खुले तौर पर स्वीकार की है. पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई भाजपा नेताओं द्वारा तृणमूल की छवि को कमजोर करने और संभावित रूप से अवैध तरीकों से पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने के लिए की गयी है. पार्टी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह अधिकारी सहित भाजपा के संबंधित नेताओं के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के लिए सक्षम पुलिस थानों के संबंधित निरीक्षकों को ‘तत्काल निर्देश’ जारी करे.
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