बीरभूम, मुकेश तिवारी : गौ तस्करी मामले में दिल्ली तिहाड़ जेल में कैद बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल (Anubrat Mondal) के ही नक्शे कदम पर लोकसभा 2024 का बीरभूम में चुनाव लड़ेंगी तृणमूल कांग्रेस. यह सवाल लोगों के जेहन में उठने लगा है. बीरभूम जिले में मौजूद दो लोकसभा सीट है. बीरभूम और बोलपुर. बोलपुर अनुब्रत मंडल का घर ही है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अनुब्रत मंडल ने दोनों ही सीटों पर भारी मतों से तृणमूल कांग्रेस के प्रार्थियों को जीत दिलाई थी. लेकिन इस चुनाव में अनुब्रत मंडल के नहीं रहने के कारण लोगों में चर्चा है की क्या बीरभूम जिला कोर कमेटी अनुब्रत मंडल के ही नक्शे कदम पर चुनाव लडेगी ? क्योंकि इस बार भाजपा अपनी पूरी ताकत बीरभूम जिले के दोनों लोकसभा सीटों पर लगा देंगी. चूंकि अनुब्रत मंडल के बीरभूम में नहीं रहने से विपक्षी पार्टी भाजपा का मनोबल काफी बढ़ा है.
बीरभूम सीट पर भाजपा ने कोई प्रार्थी अभी तक घोषित नहीं किया
अभी तक भाजपा ने अनुब्रत के गढ़ बोलपुर से ही भाजपा पार्टी के रूप में प्रिया साहा को उतारा है.बीरभूम सीट पर भाजपा ने कोई प्रार्थी अभी तक घोषित नहीं की है. लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने किसी नए चेहरे को देने की बजाय इस बार भी बोलपुर सीट से दूसरी बार लड़ाई हेतु वर्तमान तृणमूल सांसद असित कुमार माल और बीरभूम सीट से चौथी बार लड़ाई करने हेतु वर्तमान सांसद शताब्दी राय को ही मैदान में उतारा है. बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस पार्टी सूत्रों के अनुसार संभावना जताई जा रही है की अनुब्रत मंडल चुनाव के दौरान जो स्ट्रेटजी लेकर चलते थे जिला पार्टी कोर कमेटी अनुब्रत मंडल के उसी स्ट्रेटजी को लेकर इस बार भी चुनाव लड़ेगी.
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बीरभूम जिले के दोनों लोकसभा सीटें आयेंगी तृणमूल के कब्जे में
बीरभूम जिला परिषद अध्यक्ष काजल शेख इसे लेकर बहुत आशावादी हैं. हालांकि काजल शेख का स्वंय कभी अनुब्रत मंडल के साथ सामंजस नहीं बैठा है. लेकिन एक निजी साक्षात्कार में काजल शेख ने मिडिया को कहा है की इस बार भी लोकसभा चुनाव में अनुब्रत मंडल के दिखाए रास्ते के अनुरूप ही चुनाव लडा जाएगा. चूंकि इस बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भले ही काजल शेख को पांच सदस्यीय जिला कोर कमेटी में शामिल नहीं किया है लेकिन चुनाव में कुछ दायित्व काजल शेख को भी दिया गया है की बीरभूम जिले के दोनों लोकसभा सीटें उन्हे चाहिए. संदेशखाली मुद्दा को भी पूरी तरह उछाला जा रहा है. बंगाल दौरे पर चुनाव से पहले लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन मुद्दों को उजागर किया.
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हार जीत का फैसला जनता करेगी : भाजपा उम्मीदवार
हालांकि बीरभूम जिला परिषद सभाधिपति काजल शेख ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून एक राजनीतिक साजिश के अलावा कुछ नहीं है. हमारे वोट के अधिकार से केंद्र सरकार बनी है. हमारे पास राशन, वोटर और आधार कार्ड हैं. देश की नागरिकता फिर से साबित करने के लिए क्या है? बंगाल की जनता इसका जवाब बैलेट से देगी. बीरभूम में जिला तृणमूल कोर कमेटी के साथ काजल का टकराव अब खुलकर सामने आ गया है. लेकिन वही दूसरी ओर बोलपुर की भाजपा प्रार्थी प्रिया साहा का कहना है की हार जीत का फैसला जनता करेगी. क्योंकि बीरभूम बोलपुर की जनता वर्ष 2011 से ही त्रस्त है. जिले में इस बार परिवर्तन आएगा. और यह परिवर्तन यहां की जनता ही करेगी. तारापीठ में शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस जिला कोर कमेटी ने बैठक की. बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा किया गया.
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