बर्दवान में दाइहाट पालिका में अपने चेयरमैन के खिलाफ तृणमूल पार्षद गोलबंद

लोकसभा चुनाव में दाइहाट के नौ वार्डों पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया था. भाजपा को जो वोट आये हैं, वो भगवा पार्टी के नहीं, बल्कि तृणमूल से नाराज चल रहे लोगों की लॉबी के हैं. उन्होंने चेयरमैन के कामकाज से निराश होकर भाजपा को वोट दिया था. फिर चेयरमैन बदलने पर वे वापस आ जायेंगे.

By Shinki Singh | July 9, 2024 6:54 PM

बर्दवान/पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान की दाइहाट नगरपालिका के चेयरमैन प्रदीप राय के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के ही पार्षद व नेता गोलबंद हो गये हैं. चेयरमैन के इस्तीफे की मांग पर राज्य कमेटी से शिकायत भी की गयी है. इससे पालिका में उत्तेजना का माहौल है. तृणमूल पार्षदों ने नुक्कड़-सभा कर पालिका के चेयरमैन प्रदीप राय पर निशाना साधा है. इससे पार्टी नेतृत्व असहज है. ध्यान रहे कि इस पालिका में कुल 14 वार्ड हैं. सभी सत्ताधारी दल के कब्जे में हैं. बीते एक साल से चेयरमैन प्रदीप राय के खिलाफ पार्षदों के एक वर्ग का गुस्सा फूट रहा है.

पार्टी की राज्य कमेटी से की गयी शिकायत

हाल में उपाध्यक्ष अजीत बनर्जी समेत 11 पार्षदों ने चेयरमैन पद से प्रदीप राय के इस्तीफे की मांग पर शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम और फिर पार्टी के राज्य नेतृत्व से मुलाकात की. गत एक वर्ष से कुछ पार्षद नगरपालिका की बोर्ड मीटिंग में नहीं आ रहे हैं. सोमवार को भी दाइहाट पालिका में सत्तापक्ष के अंदर बगावत के सुर सुने गये. इस दिन 21 जुलाई को शहीद दिवस सभा के समर्थन में तृणमूल ने पालिका से मार्च निकाला, जिसमें मुख्य रूप से उपाध्यक्ष समेत 11 पार्षद शामिल थे. अलबत्ता, मार्च में दाइहाट नगरपालिका के तृणमूल अध्यक्ष राधानाथ भट्टाचार्य और पालिका चेयरमैन प्रदीप राय नहीं दिखे.

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दाइहाट पालिका से नागरिक सेवा भी पूरी तरह से बंद

रैली दाइहाट रेलवे स्टेशन बाजार तृणमूल कार्यालय से शुरू हुई और पालिका मार्केट के सामने रोड मीटिंग के साथ समाप्त हुआ. रोड मीटिंग में उपाध्यक्ष अजीत बंद्योपाध्याय ने कहा, “हमारे पास 11 पार्षद मौजूद हैं. फिलहाल चेयरमैन सबको साथ लेकर चलने में सक्षम नहीं हैं. महिला पार्षदों को भी सम्मान नहीं मिलने से पार्षदों ने चेयरमैन से मुंह मोड़ लिया है. दाइहाट पालिका से नागरिक सेवा भी पूरी तरह से बंद है. सड़क, नालियां, कूड़ेदान की सफाई नहीं हो रही है. सभी वार्डों में गंदगी का अंबार लग गया है. उस पर चेयरमैन का ध्यान नहीं है. वह अपनी गद्दी बचाने में लगे हैं. तृणमूल के पार्षदों ने चेतावनी दी है कि चेयरमैन अपनी कुर्सी खुद छोड़ दें, वरना विद्रोह कर उन्हें पद छोड़ने को बाध्य कर दिया जायेगा.

क्या है मामला

गौरतलब है कि हाल के आम चुनाव में भले ही राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने भारी जीत पायी हो, मगर दाइहाट नगरपालिका में करीब 2500 वोटों से तृणमूल पीछे रही. इस पर अजीत बंद्योपाध्याय ने कहा कि पिछले निगम चुनाव में दाइहाट आगे चल रहा था. लोकसभा चुनाव में दाइहाट के नौ वार्डों पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया था. भाजपा को जो वोट आये हैं, वो भगवा पार्टी के नहीं, बल्कि तृणमूल से नाराज चल रहे लोगों की लॉबी के हैं. उन्होंने चेयरमैन के कामकाज से निराश होकर भाजपा को वोट दिया था. फिर चेयरमैन बदलने पर वे वापस आ जायेंगे.

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प्रदीप राय ने कहा, पार्टी तय करेगी कि वह चेयरमैन रहेंगे या नहीं

उधर, पूर्व बर्दवान में तृणमूल के जिलाध्यक्ष रबींद्रनाथ चट्टोपाध्याय ने कहा कि यदि पार्टी में गुस्सा है, तो भी शीर्ष नेतृत्व को सूचित किया जाना चाहिए. इस तरह सड़कों पर बहस करना पार्टी विरोधी काम है. वे गलत हैं. 21 जुलाई की बैठक पूरे जिले में हो रही है. हालांकि हम पार्टी के मार्च या बैठक का विरोध नहीं कर रहे हैं. अलबत्ता, दाइहाट की उस बैठक में पार्टी के नियमों नहीं माने गये. इस संबंध में पालिका के चेयरमैन प्रदीप राय का दावा है कि पार्टी तय करेगी कि वह चेयरमैन रहेंगे या नहीं. उन्हें 21 जुलाई की शहीद दिवस सभा के समर्थन में चलाये जा रहे अभियान की सूचना नहीं दी गयी है.

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