तृणमूल ने सेबी प्रमुख को निलंबित करने की मांग की
तृणमूल ने सेबी प्रमुख को निलंबित करने की मांग की
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को मांग की कि अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के मद्देनजर सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए. हिंडनबर्ग रिसर्च ने संदेह जताया है कि अडाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक सेबी की अनिच्छा का कारण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति की अडाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है. हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि सेबी की प्रमुख बुच और उनके पति धवल बुच के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है, जिसका इस्तेमाल अडाणी समूह में धन की कथित हेराफेरी के लिए किया गया था. हिंडनबर्ग के मुताबिक, बुच और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था. उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने और समूक की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. विनोद अदाणी, अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी के बड़े भाई हैं. इस घटनाक्रम को लेकर तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुखेंदु शेखर राय ने कहा, ‘सेबी प्रमुख को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए तथा उन्हें और उनके पति को देश छोड़ने से रोकने के लिए सभी हवाई अड्डों पर लुकआउट नोटिस जारी किया जाना चाहिए.’ हालांकि, सेबी प्रमुख ने इस आरोप को ””आधारहीन”” और ””चरित्र हनन”” का प्रयास बताया है, जबकि अडाणी समूह ने कहा कि उसका बुच के साथ कभी कोई व्यावसायिक संबंध नहीं रहा. तृणमूल की सांसद महुआ मोइत्रा ने ””एक्स”” पर एक पोस्ट में कहा, ‘एक साधारण बात- सेबी प्रमुख ने उन्हीं फंडों में निवेश किया है (और उनसे व्यक्तिगत रूप से बातचीत की है) जिनकी जांच की जरूरत है. फंड के अन्य मालिकों का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी अग्रणी संस्था ने उच्चतम न्यायालय और इसकी छह सदस्यीय समिति को बताया कि 13 संस्थाओं के ””स्वामित्व”” की जांच में उसे कुछ भी हासिल नहीं हुआ और यह ””मुर्गी और अंडे वाली स्थिति”” थी. इससे बड़ा हितों का टकराव और न्याय का मजाक क्या हो सकता है?’ बाद में उन्होंने कई सवालों के जवाब भी मांगे.
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