तीन कानूनों के खिलाफ विस में प्रस्ताव पेश करेगी तृणमूल, दो दिन होगी चर्चा

केंद्र द्वारा लाये गये तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 (बीएसए) के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस विधानसभा में प्रस्ताव ला रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 26, 2024 2:16 AM

पांच अगस्त तक चलेगी विधानसभा की कार्यवाही

संवाददाता, कोलकाता

केंद्र द्वारा लाये गये तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 (बीएसए) के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस विधानसभा में प्रस्ताव ला रही है. इस प्रस्ताव पर अगले बुधवार व गुरुवार को चर्चा होगी. वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि 31 जुलाई और एक अगस्त को विधानसभा में तीनों नये कानूनों पर चर्चा होगी और यह पता लगाया जायेगा कि क्या नये कानून, राज्य के अधिकार क्षेत्र और संविधान में निहित शक्तियों का हनन तो नहीं कर रहा. केंद्र का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रस्ताव को विधानसभा से पारित कर राष्ट्रपति को भेजा जा सकता है.

विदित हो कि राज्य सरकार ने पहले ही तीन महीने के भीतर सुझाव देने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है कि क्या एक जुलाई से ब्रिटिश काल के कानूनों की जगह लेने वाले नये अधिनियमित आपराधिक कानूनों में किसी राज्य-विशिष्ट बदलाव की आवश्यकता है. समिति की अध्यक्षता कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और बंगाल के लोकायुक्त असीम कुमार राय करेंगे. सरकार ने समिति से कहा है कि वह विशेषज्ञों से संपर्क करें और इस विषय पर जनता की राय लें. भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 (बीएसए) ने एक जुलाई से भारतीय दंड संहिता 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह ले ली है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले पीएम नरेंद्र मोदी से नये कानूनों की ‘समीक्षा’ करने का आग्रह किया था. इस बीच, विधानसभा में बिजनेस एडवाइजरी (बीए) कमेटी की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि तीन नये कानूनों पर 30 और 31 जुलाई को चर्चा होगी. पहले यह तय किया गया था कि नये कानूनों पर चर्चा 26 और 29 जुलाई को होगी. हालांकि, 26 और 29 जुलाई को विधानसभा में भारत-भूटान बाढ़ की स्थिति और उत्तर बंगाल में बाढ़ की स्थिति को कैसे नियंत्रित किया जाय, इस पर पर चर्चा होगी. विधानसभा में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा के लिए रूल 169 ए के तहत प्रस्ताव लाया जायेगा. केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए विधानसभा में इस मुद्दे पर प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बाढ़ के मुद्दे पर लाो जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन विपक्षी विधायक भी कर सकते हैं. वहीं, बीए कमेटी की बैठक में विधानसभा के मानसून सत्र को पांच अगस्त तक चलाये जाने का निर्णय लिया गया है.

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