बैरकपुर, मनोरंजन सिंह : पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बेलघरिया थानांतर्गत अड़ियादह में मां और बेटे की जमकर पिटाई करने के मामले में मुख्य आरोपी तृणमूल कर्मी जयंत सिंह को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक, गुप्त सूचना के आधार पर डनलप के इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट (आईएसआई) के पास से बेलघरिया थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है. इस मामले में जयंत को लेकर अब तक कुल नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं. गुरुवार को मूल आरोपी जयंत को कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उसे चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.
क्या है मामला
बतां दे कि गत रविवार को अड़ियादह में दो युवकों के निजी झगड़े में स्थानीय बाहुबली तृणमूल कर्मी जयंत सिंह ने हस्तक्षेप किया था. आरोप है कि जयंत और उसके साथियों ने मिलकर कॉलेज छात्र सायनदीप पांजा और उनकी मां बुबुन पांजा को हॉकी स्टिक, लाठी और ईंटों से सड़क पर गिराकर बेरहमी से पिटाई की थी. इस मामले में पुलिस ने पहले छह लोगों को दबोचा. फिर बुधवार को ही जयंत के करीबी साथी सैकत मन्ना उर्फ जंघा को भी गिरफ्तार किया. जयंत पुलिस की गिरफ्त से बाहर था. बुधवार रात उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया.
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जयंत के खिलाफ है कई आरोप
जयंत के खिलाफ पहले भी कई अपराधों में शामिल होने के आरोप हैं. विरोधी दल के नेताओं ने आरोपी जयंत को कमरहट्टी के तृणमूल विधायक मदन मित्रा का करीबी बताया है. मदन और उनके परिवार के सदस्यों के साथ जयंत की कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. जयंत को लेकर मदन और दमदम के तृणमूल सांसद सौगत रॉय के बीच विवाद भी शुरू हो गया है. इधर, सौगत राय ने जयंत को ‘समाजविरोधी’ कहा है, तो मदन मित्रा ने भी सौगत राय के साथ जयंत की एक तस्वीर को सार्वजनिक की थी.
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विरोधी दल के नेता व सत्तारूढ़ दल ने पुलिस प्रशासन पर किया कटाक्ष
इधर, जयंत की गिरफ्तारी को लेकर विरोधी दल के नेताओं सत्तारूढ़ दल और पुलिस प्रशासन पर कटाक्ष किया है. माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा है कि उसे गिरफ्तार किया गया है या वह सरेंडर किया है. पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है बल्कि दबाव में आकर उसे सरेंडर कराया गया है. इधर, राज्यसभा सदस्य भाजपा नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल ही पुलिस प्रशासन को चला रही है. इसलिए ऐसा हाल है. इधर, तृणमूल के प्रवक्ता शांतनु सेन ने विरोधियों के आरोपों को खारिज किया और कहा कि ममता बनर्जी के शासन में बिना पार्टी का रंग देखे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होती है.