गरीबों के साथ कभी खड़ी नहीं हुई केंद्र सरकार : अभिषेक बनर्जी
रोड शो के दौरान श्री बनर्जी ने फिर भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने भाजपा नेताओं को ‘बाहरी’ करार देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार संकट के समय कभी भी गरीबों के साथ खड़ी नहीं हुई. क्या लोगों ने चक्रवात ‘रेमाल’ या कोविड-19 के दौरान भाजपा नेताओं को पास देखा है?
कोलकाता.
सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र डायमंड हार्बर में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के लिए प्रचार के आखिरी दिन गुरुवार को फलता और महेशतला में रोड शो किया. वह उक्त लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद भी हैं और यहां से तीसरी बार अपनी पार्टी के उम्मीदवार बनाये गये हैं. रोड शो के दौरान श्री बनर्जी ने फिर भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने भाजपा नेताओं को ‘बाहरी’ करार देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार संकट के समय कभी भी गरीबों के साथ खड़ी नहीं हुई. क्या लोगों ने चक्रवात ‘रेमाल’ या कोविड-19 के दौरान भाजपा नेताओं को पास देखा है? जबकि हमने (तृणमूल ने) मुफ्त भोजन वितरित किया था. हम किसी भी संकट के दौरान हमेशा लोगों के साथ खड़े रहेंगे. भाजपा नेता केवल चुनावों के दौरान ही दिखायी देते हैं. अंतिम चरण के मतदान के साथ ही देश की जनता यह सुनिश्चित कर देगी कि भाजपा के ताबूत में आखिरी कील तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ही ठोकेंगी. केंद्र में इस बार सरकार बदल रही है.अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस व माकपा नेताओं पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा : भाजपा, कांग्रेस और माकपा के नेता मेरी आलोचना करते हैं. डायमंड हार्बर में मेरे खिलाफ चुनाव लड़ने की हिम्मत किसी कद्दावर नेता ने क्यों नहीं की. यदि दम होता, तो भाजपा के शुभेंदु अधिकारी, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी व माकपा के मोहम्मद सलीम डायमंड हार्बर में मुझसे मुकाबला करते? यहां तो उन्हें उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने में ही एक महीने लग गये थे. तृणमूल नेता ने राज्य में सात चरणों में कराये जा रहे चुनाव को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा : ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि चुनावी पक्षी के तरह मेकअप करके यहां के मतदाताओं को रिझाने में भाजपा नेता सफल होंगे. लेकिन वे भूल गये कि यह पश्चिम बंगाल है, इसलिए उनकी यह मंशा सफल नहीं होगी. पूरे साल वे लोग नजर नहीं आते और चुनाव के वक्त चेहरा दिखाते हैं. हमलोग हर वक्त जनता के सुख-दुख में शामिल रहते हैं. चक्रवात रेमाल के समय हम (तृणमूल से जुड़े लोग) डायमंड हार्बर क्षेत्र में भी पूरh मुस्तैदी के साथ लोगों के साथ खड़े रहे. उन्हें राहत सामग्री देने से लेकर हर तरह की मदद दी. जो लोग केवल राजनीति करते हैं, उन्हें जनता अच्छी से पहचानती है. यही वजह है कि मोहम्मद सलीम, सुजन चक्रवर्ती, शुभेंदु अधिकारी, दिलीप घोष, सुकांत मजूमदार, अधीर चौधरी जैसे हेवीवेट नेता मेरे खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं कर पाये.उन्होंने मतदाताओं से ‘विभाजनकारी राजनीति में लिप्त और गरीबों को उनका हक न देने वालीं पार्टियों’ को नकारने का भी आग्रह किया. अभिषेक ने कहा : मेरा लक्ष्य चार लाख के अंतर से जीत हासिल करना है. डायमंड हार्बर एक आदर्श निर्वाचन क्षेत्र है, इसलिए आपको मेरे लिए सबसे ज्यादा जीत का अंतर सुनिश्चित करना चाहिए. उन्होंने केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर विभिन्न ग्रामीण कल्याण योजनाओं के तहत 1.65 लाख करोड़ रुपये रोके रखने का आरोप लगाया. उन्होंने ‘लक्खी भंडार’ जैसी जन कल्याण योजनाओं का हवाला देते हुए वादों को पूरा करने के लिए तृणमूल की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
‘रेमाल’ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य सरकार करवा रही सर्वेक्षणकोलकाता. सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि राज्य में चक्रवात ‘रेमाल’ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार सर्वेक्षण करवा रही है. जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं, उन्हें एक पखवाड़े के भीतर 1.2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा. दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए उक्त क्षेत्र से दो बार के सांसद बनर्जी ने दावा किया कि सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार दूसरों पर सहायता के लिए निर्भर हुए बिना प्रभावितों की मदद करेगी. रविवार देर शाम आये भीषण चक्रवात के बाद काकद्वीप, नामखाना और फ्रेजरगंज सहित जिले के कई तटीय क्षेत्रों में कथित तौर पर संपत्तियों और कृषि भूमि को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. अभिषेक बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा : तूफान से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सरकार सर्वेक्षण करा रही है और जिन मकानों को नुकसान पहुंचा है, उनके मालिकों को हमारी सरकार 15 दिन के भीतर 1.2 लाख रुपये का मुआवजा देगी. हमें किसी से सहायता मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कुछ शुरुआती अनुमानों के अनुसार 24 प्रखंडों और 79 नगरपालिका वार्ड में लगभग 15,000 मकान चक्रवात से प्रभावित हुए हैं. ये मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल के दक्षिणी तटवर्ती इलाकों में हैं.
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