आसनसोल/रूपनारायणपुर. कोयले का अवैध कारोबार इलाके में जारी है. केंद्रीय बल, राज्य पुलिस और इसीएल के विभागीय सुरक्षा टीम के लगातार प्रयास के बावजूद भी इस अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लग पाया है. सोमवार को इसीएल सुरक्षा विभाग, सीआइएसएफ मोहनपुर कैंप और सालानपुर थाने की पुलिस के संयुक्त अभियान में 50 टन अवैध स्टीम कोयला लदा हुआ ट्रक पकड़ाया. सालानपुर थाना क्षेत्र के धुंधाबाद से एथोड़ा जाने के रास्ते पर इस ट्रक को उक्त टीम ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन ड्राइवर गाड़ी तेजी से इनके सामने से भगा ले गया. पीछा करके इस ट्रक को महिषामुड़ा के पास पकड़ा गया. चालक खलासी गाड़ी छोड़कर भाग गये. कोयला सहित गाड़ी को सालानपुर थाना पुलिस के हवाले किया गया. इसीएल सालानपुर एरिया के सुरक्षा निरीक्षक सुब्रत साहा की शिकायत पर सालानपुर थाने में कांड संख्या 134/24 में ट्रक के मालिक, चालक, खलासी व अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 303(2)/317(2)/61 और 21 एमएमडीआर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ. क्षेत्रीय सुरक्षा निरीक्षक श्री साहा ने शिकायत में लिखा कि उन्हें यह सूचना मिली थी एक उक्त रास्ते से अवैध कोयला लदा ट्रक निकलने वाला है. जिसके आधार पर उन्होंने सीआइएसएफ और स्थानीय पुलिस को सूचित कर एक टीम बनायी और इस छापेमारी अभियान को अंजाम दिया. ट्रक के चालक और खलासी भाग गये. काफी देर तक इंतजार किया गया कि कोयले का कोई वैध कागजात लेकर आयेगा लेकिन कोई नहीं आया. जिसके उपरांत प्राथमिकी दर्ज कराई गयी. श्री साहा ने अपनी शिकायत में इस बात का उल्लेख किया है कि कुछ बदमाश, ट्रक मालिक, चालक और कुछ स्थानीय लोग मिलकर अवैध कोयले को विभिन्न स्थानों पर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं. इसके लिए गैरकानूनी तरीकों का सहारा लिया जा रहा है. जिससे अनावश्यक कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो रही है और सालानपुर के लीजहोल्ड एरिया में अवैध कोयला कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है. वे आदतन अपराधी हैं जो इस कारोबार के साथ जुड़े हैं. जिससे इस क्षेत्र में माफिया, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी और आपराधिक गतिविधि को बढ़ावा मिल रहा है.
एक ट्रक अवैध कोयले के लिए लेना पड़ रहा है 1.15 लाख रुपये का ‘पैड’
कोयले का अवैध कारोबार पुनः पहले की तरह शुरू हो चुका है. स्थानीय सूत्रों के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में पैड(फर्जी अनुमति पत्र) का रेट अलग-अलग है. कुछ क्षेत्रो में 1.10 लाख रुपये तो कुछ क्षेत्रों में 1.15 लाख रुपये प्रति ट्रक का भुगतान करना पड़ रहा है. कुछ क्षेत्रों में पोड़ा कोयले की अनुमति दी गयी है तो कुछ क्षेत्रों में कच्चे कोयले की अनुमति है. वर्ष 2017 से 2020 के बीच में प्रति ट्रक कोयले में पैड 70 हजार रुपये से 1.19 लाख रुपये तक पहुंच गया था. यहीं से अब पैड शुरू हुआ है. पहले हर इलाके में काउंटर होता था, जहां से पैड संग्रह करना होता था. अभी भी ऐसा ही है लेकिन सबकुछ मौखिक है, पैसे के भुगतान के साथ सिर्फ गाड़ी का नंबर बता देना होता है. फिर कोई समस्या नहीं. 12 चक्का ट्रक पूरी तरह बेकार हो गये हैं. अब कोयला 14 और 16 चक्का ट्रकों में 50 टन आसानी से लोड होकर निकल रहा है. एक कारोबारी ने बताया कि पैड की कीमत अधिक है तो माल एकबार में ही ज्यादा लोड किया जा रहा है ताकि कुछ पैसों की बचत हो सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है